देवघर।
विधानसभा चुनाव 2019 में देवघर के नेताओं के सामने बड़ी समस्या आन पड़ी है। कल तक चाचा-भतीजा को एक-दूसरे से परेशानी थी, अब नारायण के सामने भी बड़ी समस्या है।
झामुमो से टिकट नही मिलने पर पार्टी के पुराने कार्यकर्ता ने बगावत कर ली है और शुक्रवार को धमाकेदार रूप से निर्दलीय नॉमिनेशन कर दिया है। नारायण दास की पहचान कमल फूल होगा, जबकि फूल से सम्बंधित नाम वाले निर्दलीय नामांकन करने वाले गेंदालाल की पहचान स्क्रूटनी के बाद ही मिलेगी। गेंदालाल लंबे समय से झामुमो का झोला ढो रहे थे। इन्हें उम्मीद थी कि झामुमो उन्हें निराश नही करेगी। लेकिन गंठबंधन के कारण झामुमो ने यह सीट राजद को दे दी।
उधर, कांग्रेस से बगावत कर आजसू में शामिल संतोष पासस्वान खुद अपने चाचा सुरेश पासवान के लिए खतरनाक हो गए हैं। ऐसे में नारायण और सुरेश दोनो को बागियों से ही पंगा लेना पड़ेगा। एक जुमला भी है सामान्य से ज्यादा धमाकेदार बागी ही होते हैं।
उधर, झामुमो को नेत्री निर्मला भारती ने भी अपनी घर वापसी की है.. जेएमएम छोड़ झाविमो की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। बसपा के साथ लंबा समय तक जीने वाले बजरंगी महथा ने अब लोजपा का साथ लिया है। सभी ताबड़तोड़ इलाके का दौरा कर रहे हैं। ऐसे में वोटों का विखराव निश्चित माना जा रहा है। मिलाजुला कर यहां का चुनावी खेल रोमांचक होने वाला है। इसमें कौन बाजी मारेगा यह समय बताएगा।
खूब इलाके छान रहे बागी
पहले आजसू से संतोष पासवान और अब निर्दलीय से गेंदालाल दास दोनों दिन रात इलाकों को छान रहे हैं। दोनों दूसरे पार्टी में रहते हुए भी वर्षों से इलाके में लोगों से मिल जुल रहे थे, अभी भी लोगों के सुख दुख में बराबर के भागीदार बन रहे। जातीय समीकरण में भी गेंदालाल अपना पलड़ा भारी बता रहे हैं। कहते हैं वर्षों से जनता के साथ हैं, सहयोग मिलेगा। उधर संतोष कहते हैं इस बार देवघर आजसू के खाते में रहेगा। वहीं निर्मला और बजरंगी भी खूब रंग में हैं. निर्मला भारती ने कहा कि घर वापसी हुयी है, जनता का प्यार व स्नेह ज़रूर मिलेगा। वहीं, बजरंगी भी सभी को पीछा छोड़ आगे निकलने के दावे कर रहे हैं।