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धर्मांतरण के बाद SC की तरह ST को भी न मिले आरक्षण का अधिकार: सांसद निशिकांत

Written By: शबिस्ता आज़ाद

 

गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने धर्मांतरण के मुद्दे को गंभीरता के साथ संसद में उठाया। पार्लियामेंट में सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने केंद्र सरकार से मांग की कि धर्मांतरण करने वाले शेड्यूल ट्राइब को भी शेड्यूल कास्ट के तर्ज पर आरक्षण के अधिकार नहीं मिलने चाहिए।

निशिकांत दुबे ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि जब हमारा संविधान बना तो शेड्यूल कास्ट के लिए कहा गया कि धर्म परिवर्तन करने के बाद ST वर्ग को मिलने वाले आरक्षण का लाभ समाप्त हो जाएगा। जबकि उस समय शेड्यूल ट्राइब के रहन-सहन और परिवेश को देखते हुए SC वर्ग के लिए आरक्षण को लेकर ऐसा कुछ नहीं किया गया।

निशिकांत ने कहा कि झारखंड की स्थिति ये है कि 1947 में 26 प्रतिशत आदिवासी में धर्म परिवर्तन कर 3 प्रतिशत ईसाई थे। जबकि आज 20 प्रतिशत लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया है। जिससे उनका पूरा कल्चर बदल गया है, और धर्मांतरण कराने वाले लोग शैक्षणीक , सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रभावित कर आदिवासीयों का धर्मांतरण करा रहे हैं।

सांसद ने कहा कि जब consituent assembly में डिबेट हुआ तो उस वक़्त हमारे फोर फादर ने कहा था कि इस तरह के हालात बनने पर ST को भी धर्म परिवर्तन के बाद रिज़र्वेशन नहीं मिलेगा। इसलिए , सांसद निशिकांत दुबे ने भारत सरकार से आग्रह किया कि SC के तर्ज पर धर्मांतरण के बाद शेड्यूल ट्राइब को भी रिजर्वेशन का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। तभी तेज़ी से हो रहे धर्मांतरण को रोका जा सकता है।  

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