मधुपुर/देवघर।
युवा कवि व लेखक पंकज भूषण पाठक "प्रियम" को कविता एवं साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए हिंदी साहित्य अकादमी ने सम्मानित किया है।
उत्तरप्रदेश की ऐतिहासिक नगरी हस्तिनापुर स्थित जम्बूदीप में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में पंकज को सम्मानित किया गया। सम्मेलन में उनके द्वारा किये काव्य पाठ "जब बात वतन पे आती है तो कुछ बोलना पड़ता है, ग़द्दारों की सुनकर बोली, मुँह खोलना पड़ता है।" तथा "बदल गया भूगोल केसरिया बदल गया इतिहास, कलंकित धारा तीन सौ सत्तर बन गयी इतिहास।" को काफी सराहना मिली।
कार्यक्रम में देशभर के ख्यातिप्राप्त कवियों के साथ पंकज ने मंच साझा किया। पेयजल एवं स्वच्छता प्रमण्डल, मधुपुर के अधिकारी पंकज पिछले दो दशक से लेखन कार्य मे जुटे हैं और उनकी सैकडों रचनाएं देश-विदेश की पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही है। उनकी अबतक 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है और साहित्य भूषण, अटल भूषण, काव्य सागर जैसे दर्जनों सम्मान प्राप्त हो चुका है।
पंकज अपने विभाग में भी रचनात्मक कार्यो में लगे रहते हैं और सरकार की योजना एवं उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।