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विचाराधीन बंदी ने लगाया मौत को गले,48 घंटे पहले ही गिरफ़्तारी के बाद आया था सेंट्रल जेल 

Reported by:आशुतोष श्रीवास्तव 

 गिरिडीह।

गिरिडीह सेंट्रल में बंद एक विचाराधीन बंदी का शव फांसी के फंदे से झूलता हुआ मिलने से सनसनी फैल गयी. मृतक बंदी की पहचान बगोदर के जरमुने निवासी कुलदीप रजक के 22 वर्षीय पुत्र मनीष रजक के रूप में की गयी है.

मनीष के विरुद्ध एक युवती के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था. दो दिन पहले ही बगोदर पुलिस ने मनीष को गिरफ्तार कर गिरिडीह न्यायालय में प्रस्तुत किया था जहाँ कोर्ट ने मनीष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में गिरिडीह सेन्ट्रल जेल भेज दिया था. सेन्ट्रल जेल में मनीष को सामान्य सेल में रखा गया था. रविवार की दोपहर को शौचालय के बगल खाली पड़े एक कमरे में मनीष का संदेहास्पद तरीके से झूलते हुए शव बरामद किया गया.

बताया जाता है कि जेल के ही एक विचाराधीन बंदी शौच के लिए गया था तभी वह मनीष का झूलते हुए शव पाया। बंदी ने तुरंत मामले की सूचना जेल प्रशासन को दिया। दोपहर 2 बजे मनीष के बॉडी को फंदे से उतारा गया और आनन-फानन में मनीष की बॉडी को सदर अस्पताल लाया गया। जहाँ चिकित्सको ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना की सूचना मिलते ही बगोदर के पूर्व विधायक बिनोद सिंह समेत माले के कई नेता सदर अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी ली. पत्रकारों से बात करते हुए बिनोद सिंह ने उच्च स्तरीय जाँच की मांग की है। 

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