देवघर।
देवघर उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा द्वारा सरकार के प्रधान सचिव, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, झारखण्ड को पत्राचार करते हुए जानकारी दी गयी है कि देवघर जिला को वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा सम्पूर्ण देवघर जिला को सुखाड़ घोषित किया जा चुका है।
उन्होंने लिखा है कि भारत सरकार द्वारा अधिसूचना प्राकृतिक आपदा से क्षति होने पर प्रभावित व्यक्तियों एवं आश्रितों हेतु वित्तीय वर्ष 2018-19 राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) से देवघर जिला को तत्काल 33 लाख रूपये मात्र आवंटन हुए है, जिसे भारत सरकार द्वार अधिसूचना प्राकृतिक आपदाओं के तहत राहत के रूप व्यय किये जाने का निदेश है। इस संदर्भ में विदित है कि देवघर जिला में उपरोक्त मद अंतर्गत वर्णित आपदाओं यथा- चक्रवात, भूकंप, ओलावृष्टि, बाढ़, भू-रस्खलन जैसी आपदएं सामान्य स्थिति में नहीं होती है, जिसके तहत प्रत्येक वर्ष उक्त मद में प्राप्त आवंटन को व्यय नहीं हो सकने के कारण प्रत्यर्पित किया जाता रहा है।
गत वर्ष इस जिला में औसत से काफी कम बारिश होने की वजह से वर्तमान में पेयजल की भारी समस्या उत्पन्न हो गई है। कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, देवघर एवं मधुपुर द्वारा देवघर जिला अंतर्गत सभी सुखाड़ ग्रस्त प्रखण्डो के आमजनोें को पेयजलापूर्ति सुनिश्चित करने हेतु कुल बारह करोड़ तीन लाख चैवन हजार सात सौ बहत्तर रूपये मात्र के आवंटन की मांग की गयी है। यहां यह उल्लेखनीय है कि देवघर जिला को पेयजल के संकट से निजात दिलाने हेतु जिला प्रशासन को इस मद में कोई राशि प्राप्त नहीं है एवं वर्तमान में आदर्श आचार संहिता लागू रहने की स्थिति में राज्य सरकार से भी इस मद में कोई राषि प्राप्त होने की संभावना नहीं है।
यह भी उल्लेखनीय है कि आदर्श आचार संहिता के नियम 5.2.1 (पग) में दिये गये प्रावधान के आलोक में आवष्यकतानुसार आपदा की स्थिति में निर्वाचन आयोग से पूर्वानुमति प्राप्त करते हुए निवारक उपाय किये जा सकते है।
अतः उपरोक्त स्थिति में देवघर जिले में आमजनों के लिए पेयजल की भारी संकट के मद्देनजर विभागीय आवंटित राशि को निर्वाचन आयोग से पूर्वानुमति प्राप्त कर पेयजलापूर्ति की व्यवस्था मद में व्यय करने की अनुमति प्रदान करना चाहेंगे, ताकि आम जनों को पेयजलापूर्ति के इस भारी संकट से निजात दिलाया जा सके।