देवघर।
एक ऐसा गेम जिसकी खेल की आदत आपके बच्चों को अगर लग जाय तो समझिये स्कूल के किताबों से रिश्ता खत्म होना लाज़मी है. इन दिनों पबजी गेम की खुमारी बच्चों और युवाओं के सिर चढ़ कर बोल रहा है. पबजी गेम को कोरियन वीडियो गेम बनाने वाली कंपनी ब्लूहोल ने बनाया है.
भारत में तेज़ी से फ़ैल रहा PUBG
वर्ष 2017 में इस गेम की लाॅचिंग की गई थी. इसे मोबाइल और लैपटाॅप दोनों में खेला जा सकता है. प्लेयर अननोन्स बैटल ग्राउंड्स यानि पबजी एक मल्टी प्लेयर गेम है. एक सर्वे के मुताबिक यह गेम भारत में बहुत ही तेजी से फैल रहा है. बच्चों और युवाओं को अपने चपेट में लिये इस खेल का दायरा शहर ही नहीं ग्रामीण इलाकों तक पहुंच गयी है.
मधुपुर में पबजी गेम का नशा बच्चों और युवाओं में शुमार
मधुपुर में इन दिनों पबजी गेम का नशा बच्चों और युवाओं में शुमार है. बच्चे पढ़ाई-लिखाई में कम गेम की ओर ज्यादा प्रभावित हो रहें हैं. गेम की लत इतनी बुरी है कि गेम को खेलने में घंटों समय का पता ही नहीं चलता. इसका विपरित परिणाम बच्चों की शिक्षा और सेहत पर पड़ रहा है. कई ऐसे लोग है जिन्होंने अपने बच्चों से मोबाइल की लत छुड़ाने में जुटे हैं. ग्रामीण क्षेत्र के घघरजोरी, नैयाडीह, धमनी, जगदीशपुर, पहाड़पुर, लखना, पाथरोल, लालगढ़, पंदनियां, करौं, मारगोमुंडा, पालाजोरी जैसे इलाकों के बच्चे पबजी खेलने अपने-अपने गांवों में मजमा लगाये रहते हैं.
मानसिक रूप से बच्चे हो रहे हैं बीमार: डाॅ0 रमेश
मधुपुर मीना बाजार निवासी डाॅ रमेश कुमार ने बताया कि पबजी गेम बच्चों को मानसिक रूप से बीमार बना रहा है. लगातार मोबाइल डिस्पले पर गेम के खेले जाने से आंखों की रौशनी कम हो सकती है. मानसिक तनाव के कारण गेम के सिवा बच्चे अन्य कार्यो में भी रूचि रखने में अक्षम साबित हो सकतें हैं. उन्होंने बताया कि कई बच्चे इससे बीमार भी हो रहें हैं. उन्होंने अभिभावकों और माता-पिता से अपील करते हुए कहा कि वैसे बच्चों को मोबाइल से दूर रखा जाय. जो पबजी जैसे घातक गेम के मकड़जाल में फंस कर अपने भविष्य को बर्बाद करने में लगें हैं।