गिरिडीह।
रक्त बीज पैदा करने वाले सघन नक्सल प्रभावित पारसनाथ के जंगल में नक्सलियों के समूल नाश की कमान जब से एसपी सुरेन्द्र झा ने संभाली है, तब से लगातार नक्सलियों की कमर टूटी हुई है।
अब गाहे बगाहे नक्सली सर उठाने की हिमाकत करते हैं तो उनको मुह क़ी खानी पड़ती है। एक बार फिर पीरटांड़ के जंगलों में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के दस्ते की सूचना पर चले सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबल-नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। इस ऑपरेशन की कमान स्वयं पुलिस कप्तान सुरेन्द्र झा संभाल रहे हैं।
बताया गया कि जिस इलाके में मुठभेड़ हुई है उस इलाके की घेराबंदी की गई है, जहां पर नक्सलियों के छिपे होने की सूचना है। बताया जाता है कि शनिवार की अहले सुबह नक्सली संगठन के दस्ते की सूचना पर जैन तीर्थस्थल मधुबन के पीछे और पारसनाथ की तराई वाले इलाके में सीआरपीएफ 154 बटालियन ने सर्च अभियान शुरू किया। इसी दौरान नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी।
सुरक्षाबलों की ओर से की गई जवाबी फायरिंग के बाद नक्सली मोहनपुर जंगल की ओर भाग निकले। इसके बाद से एसपी के अलावे एएसपी दीपक कुमार के नेतृत्व में पारसनाथ के तराई में स्थित गांव व जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। इस क्रम में कुछ संदिग्ध लोगों से पूछताछ भी की जा रही है।
दरअसल इस इलाके में नुनुचन्द समेत कई बड़े नक्सलियों के छिपे होने की संभावना है। बताया जाता है कि जिस इलाके में पुलिस का सर्च अभियान चल रहा है उस इलाके में इनामी नक्सली नुनुचन्द महतो अपने दस्ते के साथ छिपा हो सकता है। ऐसे में एसपी ने चार टीमों को अलग-अलग रास्ते से इलाके में उतारा है। बताया जाता है कि इलाके में नुनुचन्द के दस्ते के सक्रिय रहने की भनक पुलिस को पिछले छह-सात दिनों से मिल रही थी। नुनुचन्द की खोज में ही तीन दिनों पूर्व उसके दस्ते के नक्सली शिवा तुरी और सुरेश सोरेन को विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किया था। इन दोनों नक्सलियों ने भी पुलिस को कई महत्पूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है।
हालांकि जानकारी के मुताबिक पुलिस की मुठभेड़ कृष्णा दस्ते से हुई है। फिलहाल जंगल में ऑपरेशन चल रहा है। अभियान की समाप्ति के बाद ही पता लग पायेगा कि पुलिस के हाथ क्या कुछ लग पाया है।