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देवघर जिला प्रशासन ने जारी किया चार साल का रिपोर्ट कार्ड


देवघर।

देवघर जिला प्रशासन ने पिछले चार साल में जितने भी काम किए उसका आज रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया गया है। उन कामों की भी सूची दी गई है जो पूरे हो चुके हैं साथ ही उन सभी कामों का भी जिक्र किया गया जिन पर काम चल रहा है।

मनरेगा- 

वित्तीय वर्ष 2018-19 में अब तक मनरेगा के तहत् कुल 6908.97 लाख रूपये व्यय कर 79900 परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराते हुए कुल 26.18 लाख मानव दिवस सृजन किया गया है। 

●वित्तीय वर्ष 2018-19  में अब तक मनरेगा के तहत कुल 11143 परिसम्पतियों का निर्माण कराया गया है ताथ 28031 योजनाएँ कार्यशील है। 

● मनरेगा एवं महिला, बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग के अभिशरण से कुल-58 आँगनबाड़ी केन्द्र भवन का निर्माण कराया गया है। 

पर्यटन, खेलकूद एवं अन्यः-

(क) देवघर जिलान्तर्गत देवघर स्पोर्ट्स काॅम्पलेक्स (कुमैठा) का निर्माण मो0 2018.70 लाख रू0 लागत पर पूर्ण कराया गया है।

(ख) देवघर जिलान्तर्गत पुनासी-जीरो माईल्स में बहुद्धेश्यीय भवन-सह-अतिथिशाला भवन का निर्माण मो0 213.26 लाख रू0 लागत राशि पूर्ण कराया गया है।

(ग) देवघर जिलान्तर्गत चार महत्वपूर्ण पर्यटन/दार्शनिक स्थल (नंदन पहाड़, तपोवन पहाड़, बुढ़ई पहाड़ तथा गंजोबारी-नायक धाम) का विकास मो0 100.00 लाख रू0 लागत राशि पर कराया गया।

(घ) मोहनपुर प्रखण्ड स्तरीय स्टेडियम की संशोधित/पुनरीक्षित स्वीकृति विभाग से मो0  102.96 लाख रू0 का प्राप्त हुआ है, जिसका कार्य पूर्ण कराया जा चुका है।

(च) पालोजोरी प्रखण्ड स्तरीय स्टेडियम का निर्माण मो0 94.74 लाख रू0 लागत पर कराया जा रहा है। 

(छ) पर्यटन विभाग से प्राप्त आवंटन से प्रसिद्ध दार्शनिक स्थल – हरिलाजोरी में टूरिस्ट रेस्ट हाउस का निर्माण मो0 53.35 लाख रू0 लागत से कराया जा रहा है।

(ज) वर्ष 2017-18 में देवघर जिलान्तर्गत 04 प्रखण्ड स्तरीय स्टेडियम (बाघमारी-देवीपुर, हुसैनाबाद-देवीपुर, कानबाॅंध-सारवाॅ तथा मथुरा-मधुपुर)  की स्वीकृति मो 109.44 लाख (प्रति स्टेडियम) लागत राशि पर राज्य सरकार द्वारा दी गयी है, जिसपर कार्य आरंभ कराया जा रहा है।  

प्रखण्ड भवन-

देवघर जिलान्तर्गत पाॅंच प्रखण्ड (मोहनपुर, सारठ, पालोजोरी, मधुपुर एवं करौं) में नये प्रखण्ड-सह-अंचल कार्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति मो0 367.594 लाख रू0 प्रति भवन की स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017 में दी गयी थी, जिसमें से तीन प्रखण्ड भवन (सारठ, मधुपुर एवं करौं) का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। मोहनपुर एवं पालोजोरी प्रखण्ड भवन का निर्माण कार्य जारी है। 

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)-

देवघर जिला संथाल परगना का प्रथम खुले में शौचमुक्त जिला घोषित हुआ। निरंतर उपयेाग हेतु सबों की भागदारी से सघन जन-जागरूकता अभियान ग्राम स्तर पर किया जा रहा है। स्वच्छता संकल्प अभियान के तहत राज्य भर में सर्वाधिक शौचालय निर्माण हेतु मुख्यमंत्री द्वारा देवघर जिला को पुरस्कृत किया गया।

कृषि विभाग द्वारा 120 तालाबों का जीर्णोद्धार-

कृषि विभाग (भूमि संरक्षण कार्यालय) से जिले में बंजर भूमि विकास राईस फेलो योजना के तहत् वर्ष 2018 में राज्य भर में देवघर जिले में सर्वाधिक 120 तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया। विभाग के अनुसार प्रति तालाब में 25 एकड़ भूमि की सिंचाई का लक्ष्य है। कुल 120 तालाबों से तीन हजार एकड़ भूमि का सिंचाई होगी। हलाकि इस बरसात में बारिश नहीं होने से अधिकांश तालाबों में पानी तो नहीं है, लेकिन तालाबों की खुदाई का काम पूरा होने से बारिश में पानी का स्टोर होगा व खेतों को पानी मिलेगा। 120 तालाबों की खुदाई में अब तक कुल 11 करोड़ रूपये खर्च किये गए हैं। प्रत्येक तालाब में 15 से 17 लाख रूपये खर्च किये गए है। सरकार ने जल संरक्षण पखवाड़ा के तहत इन तालाबों की खुदाई चालू की थी। संबंधित विधायकों की अनुशंसा पर तालाबों का चयन कर पानी पंचायत के माध्यम से तालाबों की खुदाई की गयी है। सबसे अधिक सारठ विधानसभा के पालोजोरी व सारठ प्रखण्ड में कुल 69 तालाबों की खुदाई हुई है। राज्य सरकार ने इस जिले में कुल 150 तालाबों की स्वीकृति दी थी, इसमें 120 तालाब की खुदाई हुई व शेष 30 तालाबों की खुदाई चल रही है। अगले माह में खुदाई पूरी करने की विभागीय तैयारी है। इसमें सरकारी व निजी तालाब शामिल है। विभाग ने शेष बचे 30 तालाबों के लिए फंड भी मुहैया करा दिया है। इसके साथ ही भूमि संक्षरण से 2018 में 25 रिसाव टैंक का भी काम चालू किया गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना –

केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2018 में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले 2187 गरीबों को पक्के मकान मिले। 2187 प्रधानमंत्री आवास निर्माण पर 26.24 करोड़ रूपये खर्च किये गए है। सभी 2187 मकान का निर्माण हो चुका है। इस योजना से गरीबों के घर सपना पूरा हुआ। सबसे अधिक प्रधानमंत्री आवास योजना मारोगोमुण्डा व सारठ प्रखण्ड में बनाये गए है। इन गरीबों को समाजिक व आर्थिक गणना 2011 की सूची के अनुसार आवास दिया गया है। ग्राम सभा में सहमति के बाद पीएम आवास की स्वीकृति हुई है व आवास निर्माण कराया गया हैं। लाभुकों को बैंक खाते के जरीए राशि का भुगतान हुआ हैं।

देवघर में कचरा प्रबंधन प्लांट शुरू-

 देवघर के निगम क्षेत्र में नालों से निकलने वाले कचरों का अब समस्या नहीं रह गया है। यह कचरा आने वाले समय में नगर निगम को आत्म निर्भर बनाने में मदद करेगा। प्लांट से कचरा खाद में बनने का काम शुरू हो गया है। पछियारी कोठिया में लगाये कचरा प्रबंधन प्लांट चालू हो गया है। वर्तमान समय में पांच टन से अधिक कचरा नष्ट किया जा रहा है। इसका जैविक खाद बनाया जा रहा है। इसे जल्द ही किसानों को सस्ती दरों में उपलब्ध कराया जाएगा। वर्तमान समय में शहर से प्रतिदिन लगभग 70 टन कचरा का उठाव हो रहा हैं एवं कचरे को विभिन्न गाड़ियों से पछियारी कोठिया प्लांट में लाया जा रहा है। यहां पर सभी कचरे को नष्ट कर जैविक खाद में परिवर्तित किया जा रहा है, जिसके तहत् कुल कचरे का दस प्रतिशत कचरा जैविक खाद में परिवर्तित हो रहा है। 

बाबा मंदिर को प्राप्त हुआ देश का स्वच्छ आइकोनिक आवार्ड- 

झारखण्ड की सांस्कृतिक राजधानी देवघर अर्थात ’’देवों का घर’’ में अवस्थित बाबा मंदिर की प्रसिद्धि देश के कोने-कोने के साथ विश्व पटल पर भी है। ऐसे में यहां आ रहे श्रद्धालुओं एवं तीर्थ यात्रियों के सुविधा के लिए जिला प्रशासन की जिम्मेवारी और भी बढ़ जाती है। उपरोक्त जिम्मेवारियों को जिला प्रशासन की ओर से बखूबी निभाया जा रहा है और इसी का परिणाम है कि देवघर अवस्थित बाबा मंदिर को स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छ आईकोनिक प्लेस पुरस्कार के द्वित्तीय चरण में सम्पूर्ण देशों के स्वच्छ आॅईकोनिक स्थलों में तृतीय स्थान प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उपायुक्त श्री राहुल कुमार सिन्हा के दूरदर्शी सोच का परिणाम है।

देवघर के किसानों को इजरायल दौरा- 

किसानों को अत्याधुनिक कृषि तकनीक से जोड़ने एवं उनके उत्पादन एवं उनके आय को दोगुनी करने के उद्देश्य से देवघर जिला के किसानों को भी इजरायल भेजा गया। इजरायल गये किसानों के दल में शामिल गोकुल यादव ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि इजरायल से भी ज्यादा कृषि संभावनाएं हमारे देश व राज्य में हैं। केवल जरूरत है आधुनिक सोच एवं आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की।

स्वास्थ्य विभाग की उपलब्धियां-

हाल के दिनों में स्वास्थ्य विभाग देवघर की ओर से अनेक उपलब्धियां हासिल की गई है। सरकार की योजनाओं का लाभ अनेकों पात्र लाभुकों को उपलब्ध कराए गए हैं और निरंतर यह कार्य जारी है। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देवघर जिला अंतर्गत अब तक कुल 4,986 परिवारों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराये जा चुके हैं एवं 105 लोगों का इलाज किया जा चुका है। इस योजना के तहत अब तक 72,835 परिवारों को जोड़ा जा चुका है, जिसमें देवघर प्रखंड के 23,226, सारठ प्रखंड के 27,773 एवं मधुपुर प्रखंड से 21,836 परिवारों को जोड़ा जा चुका है। 

जरूरतमंदों को समय से हॉस्पिटल पहुंचाया जा सके, इसके लिए देवघर जिला अंतर्गत कुल 12 एम्बुलेंस गाड़ियाँ कार्यरत है। ये 12 एम्बुलेंस भिन्न-भिन्न प्रखण्डों में कार्यरत है। यह एम्बूलेंस सेवा पूर्णतः निःशुल्क है और चैबिसों घंटा कार्यरत हैं। आकस्मिकता पर ’’108’’ डायल कर इसकी सेवा प्राप्त की जा सकती है। मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत भी स्वास्थ्य विभाग, देवघर की ओर से उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं। इस वर्ष में अब तक असाध्य रोग से ग्रसित 121 मरीजों को इलाज हेतु 1,92,19,404 रूपये सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। यह सहायता राशि देवघर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत 34, सारवां प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत 10, सारठ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत 45, मधुपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत 32 लाभुकों को उपलब्ध कराई गई है। 

पूर्णरूपेण विद्युतीकरण-

राँची, धनबाद एवं रामगढ़ जिला के पूर्ण विद्युतीकरण जिला घोषित होने के पश्चात 15 नवम्बर,2018 को झारखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के द्वारा चार जिले यथा- देवघर,कोडरमा,हजारीबाग एवं लोहरदग्गा को पूर्ण विद्युतीकरण जिला घोषित किया गया।

ज्ञात हो कि देवघर जिला अंतर्गत कुल 2,389 चिरागी गाँव है, जिन्हें पूर्णरूपेण विद्युतीकृत कर लिया गया है। विद्युतिकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं 12वीं योजना अंतर्गत की गई है। इस योजना अंतर्गत कुल 60,168 घरों में बिजली पहुंचाई गई है। इसके तह्त 569 किलोमीटर नये 11,000 वोल्ट विद्युत की सप्लाई हेतु एवं 1830 किलोमीटर एलटी लाईन अर्थात निम्न विभव लाईन के तार बिछाए गए हैं। साथ हीं 2280 ट्रान्सफर्मर का अधिष्ठापन किया गया है।

देवघर जिला पूर्णरूपेण बाह्य शौचमुक्त घोषित-

स्वच्छ भारत मिशन के तहत देवघर जिला को पूर्णरूपेण बाह्य शौचमुक्त हो गयी है। इसके पश्चात जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रखंडों में जन जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि शौचालय के प्रयोग हेतु अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जा सकें। इस कड़ी में जिला प्रशासन द्वारा रात्रि चैपाल, रात्रि विश्राम, स्वच्छ कलश यात्रा, स्वच्छता संकल्प, स्वच्छता शनिवार, स्वच्छता से संबंधित कैम्प आदि लगाया गया है एवं विद्यालयों व आँगनबाड़ी केन्द्रों में स्वच्छता दिवस का आयोजन, दीवार लेखन, नुक्कड़ नाटक, स्वच्छता व शौचालय से संबंधित फिल्म प्रदर्शन आदि किया जा रहा है।

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