पलामू।
पलामू की पहचान बनाने वाले कुंदरी लाह बगान से दर्जनों महिलाओं को स्वरोजगार मिल रहा है. इन दिनों दर्जनों महिलाएं लाह का उत्पादन कर रही हैं। लेकिन इसे विकसित करने के लिए सरकार को अपनी नज़रे इनायत करने की ज़रूरत है.
महिलाएं लाह का उत्पादन कर अच्छी खासी कमाई कर रही हैं. लाह का उत्पादन कर रही महिलाओं ने बताया कि गांव में रोजगार मिलने से अच्छी तरह से अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं.
बता दें कि पलामू जिले के लेस्लीगंज प्रखंड क्षेत्र के कुंदरी गांव में सैकड़ों एकड़ में फैली हजारों पलाश का पेड़ एशिया का सबसे बड़ा लाह बागान के रूप में जाने जाता है. लोगों ने बताया कि तीन दशक पूर्व कुंदरी लाह बागान अपनी एक अलग पहचान के साथ विख्यात था. देश के विभिन्न क्षेत्रों से ही नहीं बल्कि विदेशी भी यहां प्रशिक्षण के लिए आते थे, मगर अभी वन विभाग व सरकार की उदासीन रवैया कारण कुंदरी लाह बागान मृत प्रायः हो चुका है.
लोगों ने बताया कि यदि सरकार पूर्व की तरह इसे विकसित कर देती तो हजारों लोगों को रोजगार मिल जाता. फिलहाल, ऋद्धि-सिद्धि प्राथमिक लाह उत्पादन सहयोग समिति लिमिटेड कुन्दरी एवं वन विभाग द्वारा दर्जनों महिलाओं को रोजगार मिल रही है.