देवघर।
देवघर के चर्चित दवा व्यवसाई हत्याकांड मामले की गुत्थी आज सुलझा ली गई. पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है बीते 8 दिसंबर की शाम को बिट्टू दुबे और केशव दुबे नाम के दो व्यक्तियों ने पानी टंकी के समीप दवा दुकान में घुसकर विनोद बाजपाई दवा व्यवसाई की हत्या कर दी थी .जिसके बाद पुलिस की छापेमारी लगातार जारी थी अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था. लेकिन मुख्य आरोपी के शब्द में फरार चल रहा था आज पुलिस ने देवघर के जसीडीह थाना क्षेत्र के तिवारी डी गांव के स्कूल से केशव दुबे को गिरफ्तार कर लिया है जिसके बाद पुलिस ने चैन की सांस ली है. क्योंकि इस हत्याकांड के बाद जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन पर व्यवसायियों का जबरदस्त दबाव था.
दिन 8 दिसंबर 2018 शाम के 7:00 बजे केशव दुबे और बिट्टू दुबे दोनों विनोद बाजपेई के दुकान पर पहुंचते हैं और दुकान में घुसकर विनोद बाजपेई की गोली मारकर हत्या कर देते हैं और फरार हो जाते हैं विनोद बाजपाई और उसके भाई ने पहले ही पुलिस को सूचना दी थी कि उनकी हत्या हो हो सकती है बावजूद पुलिस को चुनौती देते हुए यह हत्या को अंजाम दिया गया जबकि पुलिस ने सुरक्षा के लिए दो कांस्टेबल भी तैनात कर रखे थे जो कि घर पर तैनात थे घटना के बाद पुलिस की दबिश बड़ी व्यवसायियों ने लगातार बंदी कराई.जिसके बाद पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया लेकिन मुख्य आरोपी केशव दुबे पुलिस को चकमा देता रहा आज जसीडीह थाना क्षेत्र के तिवारी डी के एक स्कूल में केशव दुबे के छुपे होने की खबर जब पुलिस को मिली तो छापेमारी की गई और केशव दुबे और एक हथियार को बरामद किया गया.देवघर एसपी नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि केशव दुबे की गिरफ्तारी के बाद इस पूरे हत्याकांड के मामले का खुलासा हो गया है.
हत्याकांड के मुख्य आरोपी केशव दुबे का कहना है कि या दिल्ली में काम करता था लेकिन विनोद बाजपाई और उसके भाई ने उसे दिल्ली से बुलाकर एक जमीन की रखवाली करने के लिए इन्हें रखा था काम के एवज में जब पैसे मांगे जाते थे तो इन पर पहले तो झूठा मुकदमा दायर कर जेल भेज दिया गया. 6 महीने के बाद जब से छूटकर आया तो फिर हरिजन एक्ट लगाकर इसके और उसके परिवार को जेल भेज दिया गया. जमीन की सुरक्षा के लिए वाजपेई परिवार ने ही इन्हें हथियार मुहैया कराया था और कहा था जो भी जमीन पर चढ़े उसे मार दो. लेकिन बार बार केशव दुबे और परिजन पर केस करा कर जेल भेजे जाने के बाद विनोद बाजपाई को रास्ते से हटाने के लिए फेस दुबे ने मन बना लिया और फिर उसी के दिए हथियार से 8 तारीख शाम 7:00 बजे गोली मार दी गई केशव दुबे का मानना है कि जब यह परिवार की रक्षा ही नहीं कर सकते और बार बार जेल भिजवा दिए जा रहे थे झूठे मुकदमे में तो इनके पास कोई रास्ता नहीं बचा था .
देर ही सही लेकिन पुलिस ने पहले केशव दुबे के घर की कुर्की 72 घंटे के अंदर करा दी और फिर 12 दिन के अंदर इसे गिरफ्तार भी कर लिया दवा व्यवसाई हत्याकांड मामले का पूरी तरह से उद्बोधन कर लिया गया जिससे पुलिस की साख बच गई.