सारठ/देवघर।
सारठ प्रखंड क्षेत्र के माथाटांड़ ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजना के निर्माण कार्य में गड़बड़ी को लेकर शनिवार को ग्रामीणों ने कार्य स्थल पर जाकर विरोध प्रदशन करते हुए कार्य को बंद करा दिया।
मालूम हो कि पेयजल व स्वच्छता विभाग द्वारा 09 करोड़ 80 लाख की लागत से बनाये जा रहे उक्त जलापुर्ति योजना से कैराबांक, मंझलाडीह व कुकराहा पंचायत के 19 गांवों के ग्रामीणों को पाईप लाईन के तहत शुद्ध पेय जल घरों में पहूंचाना है। उक्त जलमिनार की क्षमता पांच लाख लीटर है जिसमें 42 हजार मीटर तक पाईप बिछाया जाना है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस जनपयोगी योजना में संवेदक द्वारा काफी मनमानी की जा रही है। कार्य स्थल पर सूचना पट्ट भी नहीं लगाया गया है और न ही किसी प्रकार की जानकारी ग्रामीणों को दी गई है। मांगने पर भी प्राक्कलन की कॉपी नहीं दिखाया जा रहा है। निर्माण कार्य में घटिया किस्म का लोकल ईंट लगाया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि शहरजोरी से दो नंबर ईट लाया जा रहा है। जबकि चिमनी भठ्ठा का ईट लगाने का प्रावधान है। गलत कार्य का विरोध करने पर संवेदक के मुंषी मनोज षर्मा द्वारा धमकी भी दिया जाता है।
क्या कहते हैं ग्रामीण:
ग्रामीणों का कहना है कि उक्त योजना का शिलान्यास बीते 07 जून 2018 को कृषि मंत्री रंधीर सिंह द्वारा किया गया था। मंत्री ने लोगों को कहा था कि योजना में किसी भी प्रकार कि अनियमितता नहीं हो इसका ख्याल स्थानीय लोग रखेंगे। लेकिन संवेदक द्वारा मुंशी के भरोसे कार्य कराया जा रहा है। लोगों ने कार्य स्थल पर रखे घटिया ईट को दिखाते हुए कहा कि जब भुगतान चिमनी भठ्ठे के ईट का दिया जा रहा है तो फिर घटिया ईट क्यों लगाया जा रहा है। इस संबंध में विभाग के जेई उमेश मंडल से पुछे जाने पर कहा कि प्राक्कलन के अनुरूप कार्य नहीं होने पर उच्चाधिकारी को रिपोर्ट किया जायेगा।