धनबाद।
धनबाद के लोग अब आसमान से भी शहर का सुंदर नजारा देख सकेंगे। इसके लिए सोमवार को परिवहन एवं नागर विमानन विभाग द्वारा पैरा ग्लाइडर से जॉयराइड आरंभ की गई है। इसका उद्घाटन बरवाअड्डा हवाई पट्टी पर उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे ने किया। इसके बाद उपायुक्त ने पत्नी के साथ धनबाद के आसमान से जॉयराइड की।
45 दिनों तक मिलेगा जॉय राइड का मौका:
उपायुक्त ने बताया कि परिवहन एवं नागर विमानन विभाग द्वारा धनबाद में सोमवार से ग्लाइडिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा नागरिकों के लिए जॉयराइड शुरू की गई है। यह अगले 45 दिनों के लिए धनबाद के बरवाअड्डा हवाई पट्टी से संचालित की जाएगी।
प्रति व्यक्ति 800 रूपये देना होगा शुल्क :
उपायुक्त ने बताया कि जॉयराइड के लिए प्रति व्यक्ति 800 रुपए का शुल्क लिया जाएगा। इच्छुक व्यक्ति शुल्क देकर और आवेदन पत्र भरकर जॉय राइड का आनंद उठा सकेंगे और ऊंची वादियों से धनबाद की सुंदरता को निहार सकेंगे। उन्होंने शहरी जनों को जॉय राइड का आनंद उठाने का आह्वान किया।
सुबह 8 से शाम 5 बजे तक भरेगा उड़ान:
ग्लाइडर के पायलट कैप्टन बी. नारायण और कैप्टन जे.पी. सिंह ने बताया कि झारखंड के रांची, दुमका के बाद धनबाद में भी ग्लाइडर से जॉइराइड आरंभ किया गया है। 800 रुपए के शुल्क पर 8 से 10 मिनट के लिए नागरिकों को जॉय राइड कराई जाएगी। इसके लिए धनबाद में दो मोटर ग्लाइडर उपलब्ध है। जॉय राइड सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक की जा सकेगी। मौसम के अनुसार समय में परिवर्तन किया जा सकता है। जॉय राइड बॉक्स पैटर्न में बरवाअड्डा हवाई पट्टी से 5 नॉटिकल माइल की परिधि में की जाएगी।
ट्रेनी पायलटों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण:
कैप्टन बी. नारायण ने बताया कि जॉय राइड के साथ यहां पर नागरिक उड्डयन निदेशालय के दिशा-निर्देश के अनुसार13 ट्रेनी पायलट को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात नागरिक उड्डयन निदेशालय के परीक्षक कैप्टन एसपी सिन्हा ट्रेनी पायलट को सर्टिफिकेट जारी करेंगे। सर्टिफिकेट जारी करने से पूर्व ट्रेनी पायलट को एक वर्ष में 20 से 25 घंटे की उड़ान का अनुभव होना ज़रूरी है।
दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ग्लाइडर है साइनस:
ग्लाइडर के टेकनीशियन जितेंद्र कुमार ने बताया कि यहां पर उपस्थित दोनों ग्लाइडर यूरोप की स्लोवेनिया की पिपिस्ट्रेल कंपनी द्वारा निर्मित साइनस श्रेणी के हैं। इस श्रेणी के ग्लाइडर ने विश्व की दुर्गम चोटी पर सफल लैंडिंग और उड़ान भरी है। यह 10 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। 50 से 100 मीटर की हवाई पट्टी से उड़ान भर सकता है।