मधुपुर/देवघर।
प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हुआ है. सरकार की यह याेजना कच्चे मकान में रहने वाले और बेघर लोगों को पक्की छत दिलाने के उद्देश्य से चलायी जा रही है. लेकिन जब घर दिलाये जाने के नाम पर बिचौलिया द्वारा पैसे की मांग की जाय और योजना प्रारंभ होते ही रूक जाय तो सरकारी तंत्र की ओर उंगली उठना शुरू हो जाती है.
कुछ ऐसा ही मामला मधुपुर प्रखंड अंतर्गत जमुनी पंचायत के संथाली सिमरा गांव का है. पिछले डेढ़ वर्ष पूर्व मो मोबीन अंसारी, अनवर अंसारी का चयन पीएम आवास के लिए हुआ. कागजी खानापूर्ति और विभागीय नियम के अनुसार पीएम आवास की स्वीकृती मिली. पहले किश्त की राशि लाभुकों के खातों में डाला गया. लाभुको ने उक्त राशि से घर बनाना शुरू भी कर दिया. दूसरी किश्त की राशि अब तक उनलोगों को डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी नहीं मिली है. जिसकी वजह हैरान करने वाली है.
मुखिया पर आरोप:
अधूरे आशियाने को पूर्ण करने की गुहार लगाये लाभुक प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहें है. लाभुक मोबीन अंसारी का आरोप है कि मुखिया दूसरी किश्त दिलाने के नाम पर पैसे की मांग कर रहे है. यही वजह है कि न हम पैसे दे पा रहे हैं और न ही किश्त मिल पा रही है.
क्या कहती है बीडीओ:
बीडीओ रश्मी रंजन ने बताया की जंगल प्लॉट में पीएम आवास मिलने का मामला है. संबंधित पंचायत की मुखिया और पंचायत से पूरी जानकारी लेते हुए अग्रतर कार्रवाई की जायेगी.