देवघर।
देवघर जिला को सुखाड़ घोषित करने की अनुशंसा की गयी है. रिपोर्ट का प्रतिवेदन राज्य सरकार को भेजा जाएगा। इस बात की जानकारी उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा द्वारा पत्रकारों को दी गयी.
देवघर समाहरणालय सभागार में उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा द्वारा पत्रकारों को जानकारी देते हुए यह बताया गया कि जिले के 10 प्रखंडों को ट्रिगर-2 प्रखंड के तहत चयन किया गया है. बारिश के आधार पर राज्य के विभिन्न जिलों को ट्रिगर-1 और ट्रिगर-2 प्रखंड के तहत चयन कर अलग-अलग कैटेगरी में रखा गया है. राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में उपायुक्त स्तर पर देवघर जिले के सभी प्रखंडों का सर्वेक्षण कराया गया.जिसमें सभी प्रखंडों के 301 गांवों के दो हजार किसानों द्वारा लगाए गए फसलों का रैण्डम मुआयना किया गया. सर्वेक्षण कार्य कराकर उसे आपदा प्रबंधन विभाग को सौंप दिया गया है.
पत्रकारों को जानकारी देते हुए डीसी ने बताया कि सभी प्रखंड में 80 से 90 प्रतिशत धान के फसल की क्षति बारिश नहीं होने की वजह से हुई है. इसी रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार से देवघर जिला को सुखाड़ घोषित करने की अनुशंसा की गयी है. रिपोर्ट का प्रतिवेदन राज्य सरकार को भेजा जाएगा. जिसके आधार पर घोषणा की जाएगी. राज्य सरकार द्वारा अनुशंसा प्राप्त होते ही किसानों को डीबीटी मोड के माध्यम से मुआवजा देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी.
वहीं, प्रेसवार्ता के दौरान डीसी द्वारा पत्रकारों को यह जानकारी दी गयी कि राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि वित्तीय वर्ष 2018 /19 में धान अधिप्राप्ति का कार्य पैक्स के माध्यम से किया जाएगा. जिसके तहत प्रत्येक प्रखंडों में एक पैक्स का चयन किया जाएगा. देवघर जिले में कुल 9 पैक्सों का चयन धान अधिप्राप्ति के लिए किया गया है. जिसके माध्यम से धान की अधिप्राप्ति की जाएगी.
डीसी ने कहा कि पहले किसानों को धान का पैसा मिलने में काफी समय लगता था. लेकिन इस वर्ष राज्य सरकार से प्राप्त मार्ग दर्शन के आलोक में सभी मील मालिकों को निदेश दिया गया है कि प्रत्येक पैक्स में मील के एक प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे. जिनकी देखरेख में किसानों से धान की अधिप्राप्ति की जाएगी. किसानों को राशि देने के बाद ही प्राप्त धानों को राइस मील फिर एफसीआई तक पहुंचाई जाएगी. पैक्सों की संख्या कम होने के कारण उनपर निगरानी करने में आसानी होगी और सही धान की अधिप्राप्ति होगी।