धनबाद।
धनबाद के विभिन्न अग्नि प्रभावित क्षेत्रो में रह रहे हजारो परिवार को बसाने के लिए केंद्र सरकार ने झरिया पुर्नवास एवं विकास प्राधिकार की स्थापना 2004 में की थी. मगर जेआरडीए की सुस्ती के कारण हजारो परिवार अग्नि प्रभावित क्षेत्रो में जिंदगी और मौत से जूझ रहे है। जिसका खामियाजा बीसीसीएल के कोयला उत्पाद पर पड़ रहा है।
एक महीना से बंद है बीजीआर की दुवारी परियोजना:
धनबाद के बीसीसीएल के दुबारी परियोजना आज एक महीन से बंद पड़ा है. जिसका नतीजा कोयला उत्पाद पर पड़ रहा. बताया जा रहा है कि यहाँ रह रहे 1500 परिवार को बीसीसीएल लगातार नोटिस दे रहा है. मगर वहां बसे 1500 परिवार का कहना है की जेआरडीए के तहत ही हम सभी को पुर्नवास किया जाये। साथ ही बेरोजगार युवको को बीजीआर कंपनी रोजगार दे तभी हम सभी जायेगे।
जेआरडीए के तहत पुर्नवास और नियोजन की कर रहे है मांग:
वहां रह रहे स्थानीय लोगो का कहना है कि यहाँ 1500 परिवार को जेआरडीए के तहत पुर्नवास करे. साथ ही जब आउटसोर्सिंग कंपनी बीजीआर के आने से पहले यहाँ के बेरोजगार युवक ट्रक लोडिंग कर अपने परिवार का गुजर बसर करते थे जो आज पूरी तरह से बंद है। साथ ही वहां रह रहे महिलाओ का कहना है कि जब तक यहाँ बसे लोगो को घर नहीं मिल जाता तब तक घर नहीं छोड़ेगे।
परियोजना विस्तार में हो रही है परेशानी:
बीसीसीएल प्रबन्धक लगातार जेआरडीए को कोयले के ऊपर बसे परिवारों को पुर्नवास करने को लेकर दबाव बना रही है। वही बीसीसीएल के निर्देशक कार्मिक आरएस महापात्रा का कहना है कि देश को ऊर्जा की जरुरत है. जिसके लिए बीसीसीएल नए-नए प्रोजेक्ट चालू कर रही है. लेकिन जो प्रोजेक्ट पुर्नवास के कारन बंद पड़े है जिसके कारण बीसीसीएल के उत्पाद पर असर पड़ रहा है।