गिरिडीह।
गांडेय और बेंगाबाद के पत्थर माइंस में हैवी ब्लास्टिंग से इलाके के लोग तंग तबाह हैं। ब्लास्टिंग से कई घरों में दरारें आ गई है।
इतना खामियाजा भुगतने के बाद भी स्थानीय लोगों को इसमें रोजगार भी नही मिल पा रहा। अब आप गांडेय के ग्राम करमाटांड़ और द्वारपहरी का ही हाल देख लीजीये। यहां पत्थर उत्खनन भारी मात्रा में की जा रही है। पत्थर उत्खनन से ग्रामीणों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। लोग सहमे-सहमे से रहते हैं। द्वारपहरी गांव में तो खपरैल घरों से सटे हुए गहराई तकरीबन 200 फीट से नीचे चला गया है। जिसके चलते जलस्तर नीचे चला गया है।
इलाके में पेयजल संकट भी गहरा रहा है। बलास्टिग करने के कारण कई घरों में तो दरार सी पड़ गई है। कई बार तो ग्रामीणों के प्रदर्शन करने के बावजूद प्रशासन गंभीर नहीं हुआ। यहां के कुछ लोगों का कहना है कि प्रशासन को जगाने के लिए कोई जब तक ठोस कदम नहीं उठाएगा तब तक प्रशासन नहीं जागेगी। वास्तविकता देखी जाए तो यहां जितनी गहराई हो गई है जानमाल की क्षती कभी भी हो सकती है।
इधर बेंगाबाद में भी कमोबेस यही हाल है। यहां पालोखरी गांव में इन दिनों पत्थर माफियाओ के आतंक से ग्रामीण दहशत में है । बेचारे गरीब ग्रामीण जाय तो किधर जाए। दबंगो के भय से ग्रामीण खुल कर विरोध भी नही जता पा रहे है। वही हिम्मत दिखाते हुये ग्रामीण भोला दास नकुल गोस्वामी मुखिया मो. समीम ने कहा कि विद्यायलय में बहुत कम बच्चे आते है।
ब्लास्टिंग से घरों में दरार पड़ गई है दिन में पत्थर के टुकड़ो से चोट लगते है । कहा कि अविलम्ब प्रसाशन सख्त कदम नही उठाती है तो बड़ी घटना से इनकार नही किया जा सकता है ।