बोकारो।
बोकारो में रेलवे की जमीन को कब्जा मुक्त कराने को लेकर घंटो ड्रामेबाजी चली. कांग्रेस के बड़े नेता सभा के माध्यम से ताल ठोकते रहे, लेकिन प्रशासन के आगे एक न चली और फिर भारी रेलवे के अधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारी औऱ भारी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंचा रेलवे के बुलडोजर ने अपना काम करना शुरु कर दिया।
जो रेलवे की जमीन को कब्जा किए हुए थे. पहले से ही घर को खाली करने में लगे थे. उन्हे पता था कि कि यह कांग्रेस की सभा उनके घर को बचा नहीं सकेगी. हालाँकि थोड़़ी देर जरुर अफरा तफरी का माहौल रहा. कांग्रेस के पूर्व सासंद ददई दूबे समेत कई नेता रेलवे के अधिकारी औऱ दंडाधिकारी पर दबाव बनाने का काम करते रहे, लेकिन दबाव के आगे कोई भी झुकने को तैयार नहीं दिखा. कांग्रेस के नेता गोली व लाठी खाने को लेकर करते रहे लेकिन प्रशासन के आगे उनकी चाल नहीं चली .
घटना बोकारो रेलवे स्टेशन के बगल में स्थित कुर्मीडीह की है. बताया जा रहा है कि रेलवे की ओऱ से लाईन विस्तारीकरण को लेकर एक पावर प्लांट के विस्तीकरण को लेकर अपनी कुछ जमीन चिन्हित की थी. जिसमे 100 से अधिक परिवार जमीन पर कब्जा कर वर्षों से रह रहे थे. जमीन को कब्जा मुक्त कराने को लेकर दो माह पूर्व ही सभी को नोटिस भेजा जा चुका था औऱ इसको लेकर कई बार रेलवे के अधिकारियो ने अतिक्रमणकारियों से जमीन को खाली करने को कहा था. लेकिन जमीन पर कब्जा जमाए लोग इसको खाली करने को लेकर कोई खास रुचि नहीं दिखायी. इसी को लेकर रेलवे की ओर से सभी को नोटिस तो दिया ही गया। साथ ही जिला प्रशासन से जमीन खाली करने को लेकर मदद मांगी गयी.
आज सीओ चास सह दंडाधिकारी वंदना सेजवलकर के नेतृत्व में टीम जब पहुंची तो सभा कर रहे कांग्रेस के नेताओ से वार्ता की. लेकिन वार्ता के दौरान ही अधिकारियों पर दवाब बनाया जाने लगा तो सीओ समेत रेलवे के अधिकारी वहां से हटकर घरो को चिन्हित कर तोड़ने का काम शुरु करवाया.
अतिक्रमण हटाने के दौरान कई थानो की पुलिस के साथ महिला बटालियन और रेलवे के सुरक्षाबल भी शामिल रहे. इस दौरान कई बूढ़ी महिलाए अपने परिवार के साथ बेघर होकर सड़क पर आ गयी है. लेकिन उनके रहने की व्यवस्था को लेकर प्रशासन की ओर कोई कदम नहीं उठाए गए.