धनबाद।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सिन्दरी के सिंदरी में रावण दहन की विशेष तैयारियां की गयी हैं। इस बार भी यहां शिव मंदिर प्रांगण में रावण दहन, झांकी और आतिशबाजी का विशेष इंतजाम किया जा रहा है। इस वर्ष यहां रावण दहन के आयोजन का 56वां वर्ष है।पूजा समिति ने खास तैयारियां की हैं। इस बार 65 फीट ऊंचा और 40 फीट चौड़ा होगा रावण का पुतला बनाया गया हैं ।
रावण दहन की तैयारी पूरी:
सिन्दरी के शहरपुरा शिवमंदिर प्रांगण में विजय दशमी के दिन भव्य और आकर्षक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसमें लोगों का मुख्य आकर्षण रावण दहन होता है। रावण दहन देखने के लिए लोग हजारों की तादाद में दूर-दूर से पहुंचते हैं। यहां रावण दहन के पूर्व एक झंडा जुलूस भी निकाला जाता है। जिसमें एक सजे सजाए रथ में राम, लक्ष्मण और हनुमानजी की भूमिका में भक्त रथ पर सवार रहते हैं। इस जुलूस में लोग पारंपरिक हथियारों के साथ शामिल होते हैं।
जगह जगह होता है शास्त्र का प्रदर्शन:
ये लोग जगह-जगह पर अपने करतब का प्रदर्शन करते हैं। ढोल-बाजे के साथ जुलूस नगर भ्रमण कर के शिव मंदिर प्रांगण पहुंचता है. जहां राम-लक्ष्मण रावण के पुतले पर वाण चलाते हैं। जिसके बाद रावण धू-धू कर जल जाता है। इसी नजारे के देखने के लिए हजारों लोग जुटते हैं। रावण दहन से पूर्व यहां पर खास तरह की आतिशबाजी भी की जाती है.
1957 से होता आ रहा है रावण दहन:
रावण दहन का प्रारंभ 1957 में हुआ। शुरुआत में रावण का पुतला बनाने का काम राम स्वरूप झा करते थे। उस समय से यहां दुर्गा पूजा के अवसर पर रावण दहन की परंपरा चली आ रही है।