पाकुड़।
पाकुड़ सदर अस्पताल परिसर में प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने बड़े ही तामझाम के साथ झारखण्ड में आयुष्मान भारत योजना की भले ही शुरूआत की. लेकिन, हकिकत कुछ ही नजर आ रहा है.
लाल कार्डधारी, पीला कार्डधारीयों के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरूआत होते ही लाभुको के हाथ निराशा ही लग रही है. पाकुड़ सदर अस्पताल परिसर में आरोग्य मित्र के द्वारा आयुष्मान भारत योजना के लाभुको को लाभ देने के उद्देश्य से काउन्टर खोला गया है. लेकिन आयुष्मान भारत के लाभुको को दर-दर भटकना पड़ रहा है. ये सच्चाई कैमरे में कैद तस्वीर बयां कर रहीं है.
सदर अस्पताल में राशन कार्ड लेकर लाभुक आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने आ रहे है. काउंटर अच्छी खासी बनी हुई है. कुर्सी में बाबु नहीं है और कंप्यूटर चादर से ढकी हुई हैं. बाबु कहा है पता नहीं। लाभुको को आयुष्मान भारत योजना के लिए भटकना पड़ रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री का सपना कितना धरातल में उतर रहा है. ये आप खुद देख सकते है. जबकि नियम है कि कोई भी लाभुक जिनके पास लाल या पीला राशन कार्ड है वे अस्पताल में कार्ड लेकर आयेगे उन्हें रजिस्ट्रेशन कर दिया जायेगा 5 लाख की स्वास्थ बीमा की. लेकिन सरकारी बाबुओं को काम नहीं करना पड़े. इसलिए स्पष्ट शब्दों में लिखा है प्रज्ञा केन्द्र से लाभुक अपना आयुष्मान योजना के लाभुक रजिस्ट्रेशन करवा लें ।
केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना धरातल में आने के पहले ही लपारवाही कर्मचारीओं के चलते आयुष्मान भारत योजना का लाभ ज़रूरतमंदों को नहीं मिल रहा है। वहीं, सिविल सर्जन डॉ0 बी0 मराण्डी कहते है कि सरकार की कल्याणकारी योजना है. जिनके पास लाल और पीले कार्ड है उन्हें मुफत में 5 लाख की स्वास्थ बीमा हो रही है.
पाकुड़ जिले में 1 लाख 57 हजार परिवारों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलने की उम्मीद है. अब सरकारी बाबुओं का ऐसा रैवया रहा तो शायद ये उम्मीद उम्मीद ही रह जायेगी।