देवघर।
बदन पर खाकी, कंधों पर सितारे, बाजू पर बैच और साथ में सुरक्षागार्ड. इस तमाम तामझाम को देखकर अक्सर लोगों के जहन में पुलिस को लेकर एक अलग ही तस्वीर उभरती है. लेकिन, कभी-कभी इसी महकमे के मुलाज़िम कुछ ऐसा करते नज़र आ जाते हैं जिन्हें देखकर आंखों को भी यकीन नहीं होता.
जी हां, ऐसी ही एक तस्वीर उस वक्त देखने को मिली जब देवघर के नए सदर एसडीपीओ यानी डीएसपी साहब विकास चंद्र श्रीवास्तव अचानक जिले के सबसे पुराने और शहर के बीचों-बीच स्थित आर एल सर्राफ स्कूल पहुंचे. स्कूल कैम्पस में दाखिल होते ही एसडीपीओ महोदय ने सीधा उस क्लासरूम की तरफ रुख किया। जहां बच्चो की क्लास चल रही थी। क्लासरूम में यूं अचानक वर्दीधारी अधिकारी को देखकर एकबार तो बच्चे भी थोड़े हैरान हुए. लेकिन, चंद मिनटों में ही क्लासरूम के भीतर से जो आवाज़ बाहर आई वो बेहद सुकून पहुंचने वाली थी.
वजह थी उस क्लास के भीतर पुलिस महकमे के वही अधिकारी एक शिक्षक की भूमिका में नज़र आ रहे थे। ज़ाहिर है जो बच्चे अबतक खाकी और खाकी के नुमाइंदों की किस्से लोगों की जुबानी सुना करते थे. उनके लिए यह तस्वीर किसी अजूबे से कम नही थी। लिहाज़ा, विकास चंद्र श्रीवास्तव को आपने बीच टीचर की भूमिका में देखकर बच्चे भी काफी उत्साहित नज़र आ रहे थे।
दरअसल, देवघर के एसडीपीओ विकास चंद्र श्रीवास्तव को पढ़ने और पढ़ाने का काफी शौक रहा है. मगर इस शौक की वज़ह से डीएसपी साहब अपनी ड्यूटी से समझौता नही करते और इसबीच उन्हें जब भी मौका मिलता है. इस तरह की एक्टिविटी में अक्सर नज़र आ जाते है. इस बावत पूछने पर वो बताते है कि बच्चों के बीच आकर उन्हें पढ़ाना ही एकमात्र मकसद नहीं है बल्कि, इसके ज़रिये उनकी प्रतिभा को निखारने और समाज मे फैल रहे साइबर अपराध के प्रति जागरूक करना भी है।
बहरहाल, जिस तरीके से अपने काम मे व्यस्त रहने के बावज़ूद पुलिस विभाग के यह अधिकारी शिक्षा के प्रति बच्चों को प्रोत्साहित करते नज़र आते है, अगर यही जज़्बा बाकी सरकारी मुल्जिमों के बीच भी दिखने लगे तो वो दिन भी दूर नही जब सुदूरवर्ती इलाके में भारत का आने वाला कल ज्ञान की रौशनी में रौशन नज़र आएंगे।