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शीघ्रदर्शनम दर वृद्धि का विरोध: आश्वासन के बाद सांसद निशिकांत ले पाये बाबा का आर्शिवाद


देवघरः

देवघर बाबा मंदिर में उस वक्त हो-हंगामा शुरू हो गया जब गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे बाबा का आर्शिवाद लेने बैद्यनाथ मंदिर पहुंचे. सांसद के मंदिर पहुंचते ही तीर्थपुरोहितो ने सांसद निशिकांत को घेर लिया और अपनी बातें कहनी शुरू कर दी. इतना ही नहीं पहली बार ऐसा हुआ कि पुरोहितों के विरोध के कारण सांसद बिना पूजा किये बाबा के दरबार से वापस लौट गये. 

शीघ्रदर्शनम दर वृद्धि का विरोध:

असल में वजह थी बाबा मंदिर के शीघ्रदर्शनम कूपन के दरों में वृद्धि का होना. भीड़ के दिनों में कूपन का दर पांच सौ से बढ़ा कर एक हजार रुपये और आम दिनों में कूपन का दर ढ़ाई सौ रुपये से बढ़ा कर पांच सौ रुपये करने के फैसले का विरोध तीर्थपुरोहितों द्वारा किया जा रहा था. इसी बीच रविवार की सुबह जब सांसद डाॅ0 निशिकांत दूबे बाबा मंदिर पूजा करने पहुंचे तो सरकार के फैसले का विरोध करते हुए पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष प्रो डा सुरेश भारद्वाज, महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर और अन्य तीर्थपुरोहितों ने सांसद से शिघ्रदर्शनम् कूपन के दर में वृद्धि के फैसले को वापस लेने की मांग की. इस दौरान बातचीत हो-हंगामा में तब्दील हो गया. बाबा मंदिर में फैसले के विरोध में नारे लगते रहे. बार-बार सांसद द्वारा मौजूद लोगों को समझाने की कोशिश की जाती रही. लेकिन, तीर्थ पुरोहित नही माने. और विरोध बढ़ता ही चला गया. पुरोहित बार-बार एक ही बात कहते रहे कि यह फैसला आम जनता के हित में नहीं है. 

बाबा की पूजा किये बिना लौटे सांसद: 

पुरोहितों द्वारा सांसद को वीआईपी दर्शन उस वक्त तक नहीं करने की बात कही गयी जबतक कूपन दर में वृद्धि के फैसले को वापस नहीं लिया जाता है. सांसद द्वारा काफी समझाने के बाद भी जब तीर्थ पुरोहित अपनी बातों पर अड़े रहे तो सांसद बिना पूजा किये ही बाबा के दरबार से वापस लौट गये. उन्होंने कहा कि बाबा ही इसका न्याय करेंगे. यह फैसला राज्य सरकार का है. श्राइन बोर्ड का सदस्य होने के नाते मैने इस फैसले का स्वागत किया है. 

प्रथम मेयर ने किया हस्तक्षेप: 

बाबा मंदिर में हुए हंगामे और विरोध की सूचना पर देवघर निगम के प्रथम मेयर राज नारायण खवाड़े उर्फ बबलू खवाड़े ने पूरे मामले पर हस्तक्षेप किया. वह सांसद निशिकांत दूबे को दोबारा साथ लेकर बाबा मंदिर पूजा कराने को ले गये. इसी बीच पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पदाधिकारियों व पुरोहितों से सांसद की बैठकर बातचीत भी हुई.

आश्वासन के बाद मामला हुआ शांत, सांसद ने की बाबा की पूजा: 

बातचीत में सांसद ने शिघ्रदर्शनम् कूपन दर में वृद्धि के प्रस्ताव को वापस लेने का आश्वासन दिया. जिसके बाद तीर्थपुरोहित माने. पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री ने सांसद निशिकांत को गले लगा मामले को शांत किया और फिर बाबा की पूजा करने सांसद निशिकांत आगे बढ़े. बाबा की पूजा के बाद सांसद ने कहा कि वह तीर्थपुरोहितों का सम्मान करते हैं. उनकी बातों को सरकार तक पहुंचाया जायेगा. और इस प्रस्ताव को वापस कराया जायेगा. वहीं सांसद के आश्वासन के बाद पुरोहित समाज खुश दिखा. पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री ने कहा कि सांसद ने गरीब जनता के हित में फैसला लिया है.

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