बोकारो।
बोकारो जिले में अलग-अलग थाना क्षेत्रो में हुए सड़क दुर्घटना में एक महिला समेत चार लोगो की मौत हो गयी. जबकि सात लोग गंभीर रुप से घायल हो गए.
तीन घायलो का इलाज बोकारो जेनरल अस्पताल में किया जा रहा है. वहीं, आज पुलिस का क्रुर चेहरा भी सामने आया. मानवता को शर्मसार करने वाली घटना ने बोकारो पुलिस को कंलकित करने का काम किया है. जब जरीडीह थाना क्षेत्र के एनएच 23 में एक अल्टो ने बाईक सवार तीन युवको को अपनी चपेट मे ले लिया। जिससे तीन लोग गंभीर रुप से घायल हो गए. वहीं आल्टो पर सवार भी दो लोग भी साथ में घायल हुए .पुलिस ने दोनो घायलो को बोकारो जेनरल अस्पताल मे इलाज के लिए भर्ती कराया. वहीं तीनो को मृत समझकर पुलिस ने आनन-फानन में सभी को एक पर एक बोरे के सामान एक गाड़ी में लादकर बिना चिकित्सको को दिखाए बीजीएच ले आए.ताकि बीजीएच के मर्चरी में शव को रखा जा सके.
परिजनो का आरोप है कि घायलो का अगर इलाज कराया जाता तो शायद इनकी जिंदगी बच सकती थी. पुलिस की यह अमानवीय चेहरा से आक्रोशित परिवार के सदस्य जमकर बीचीएच में हंगामा किया और शव को रखने से मना करते रहे. बोकारो जेनरल अस्पातल में पहुंचे पूर्व विधायक समरेश सिंह ने लोगो को समझाया तब जाकर शव को मर्चरी में रखा गया. मृतको में जैनामोड़ के धनश्याम गुप्ता,नारायण मिश्रा और अशोक प्रसाद वर्मा शामिल है.
वहीं दूसरी घटना पेटरवार के चरगी एनएच 23 में घटी.रामगठ से कसमार आ रहा एक परिवार हाईवा की चपेट में आ गया. जिससे बाईक पर सवार एक महिला की मौके पर ही मौत हो गयी. जबति पति और बच्ची घायल हो गयी. वहीं कसमार थाना क्षेत्र में भी एक बाईक पर सवार तीन युवक घायल हो गए. सभी को इलाज अलग-अलग जगहो पर किया जा रहा है.
बताया जा रहा है जरीडीह के थाना प्रभारी के छुट्टी पर रहने के कारण कसमार के थाना प्रभारी जरीडीह के प्रभार मे थे और एनएच जाम न हो इसलिए पुलिस ने संवेदनहीनता का परिचय देते हुए सभी को एक ही वैन में बोरा के सामान लादकर बोकारो ले आयी.