गिरिडीह।
पेट्रोल-डीजल के मूल्य में बढ़ोतरी, राफेल डील समेत अन्य कई मुद्दों को लेकर संयुक्त विपक्ष के भारत बंद का गिरिडीह जिले में व्यापक असर रहा।
तोड़फोड़ की आशंका से ग्रामीण इलाकों से शहर आने वाली गाड़ियां बंद रहीं। वहीं लंबी दूरी के वाहनों का चक्का भी जाम रहा। हालांकि बंद समर्थक गिरिडीह-मधुपुर सवारी गाड़ी नहीं रोक पाए। प्रशासन का कड़ा रूख देख कोई विरोध भी नहीं कर पाए और नारेबाजी करते हुए स्टेशन के बाहर ही बैठ गए। फिर कुछ देर बाद वहां से सभी चलते बने। इस दौरान न ट्रेन के यात्रियों को परेशानी हुई और न ही ट्रेन लेट हुआ। यात्री बेरोकटोक स्टेशन पहुंचे और ट्रेन में सवार हाेकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए। पुलिस जवानों की तैनाती स्टेशन परिसर व रेलवे ट्रैक पर अहले सुबह से ही कर दी गई थी।
इधर इस बंदी का असर बाजार पर व्यापक रूप से देखने को मिला। प्रथम प्रहर शहर की तमाम दुकाने स्वतःस्फूर्त बंद रही। जिससे बंद समर्थको को इसमें ज़्यादा मशक्कत नही करनी पड़ी। इसी तरह एहतियातन चंद सरकारी स्कूल छोड़ दें तो लगभग सभी निजी विद्यालयों को बंद रखा गया था। मौके पर कांग्रेस,जेभीएम,जेएमएम,माले आदि दलों के नेताओं ने जोरदार ढांग से सरकार विरोधी नारे लगाए और महंगाई व राफेल डील पर मोदी सरकार को खरी-खरी सुनाई। इधर बंदी में सुरक्षा को लेकर भी चाक चौबंद व्यस्था की गई थी।
एसडीओ राजेश प्रजापति, एसडीपीओ जितवाहन उरांव, डीएसपी संतोष मिश्रा व डीएपी नवीन सिंह भारी संख्या में पुलिस बल के साथ जगह जगह मोर्चा संभालते नजर आए। वही एनएच 2 स्थित बगोदर में माले समर्थको ने राष्ट्रीय राजमार्ग को 3 घंटे तक जाम रखा. कुलमिलाकर, विपक्षी दलों की एकजुटता से बंदी सफल रही। वही बंद समर्थको के हुड़दंग से निबटने के लिए प्रशासनिक तैयारी भी तगड़ी नजर आई।