गिरिडीह।
दुर्दांत नक्सलियों का सेफ जोन पारसनाथ अब जल्द ही नक्सली कैद से आजाद हो जाएगा। गिरिडीह पुलिस इन्हें खदेड़ने की दिशा में ठोस पहल शुरू कर चुकी है। ऐसे हिस्ट्रीशीटरो को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है. जिनकी तूती जंगल के साम्राज्य में बोलती थी। लाल आतंक के गुनाहगारों की अब खैर नहीं है। पुलिस ने इन पर नकेल कसने का चरणबद्ध अभियान छेड़ दिया है।
गिरिडीह एसपी ने कई दुर्दांत नक्सलियों की फाइल खोल दी है और यह फ़ाइल तभी बंद होगी। जब ऐसे कद्दावर नक्सली या तो पकड़ लिए जाते हैं या फिर मार गिराए जाते हैं। यानी झारखंड के रेड कॉरिडोर कहे जाने वाले पारसनाथ से जल्द ही नक्सलियों का किला ध्वस्त होने वाला है। एसपी सुरेन्द्र झा के मुताबिक अब शीर्ष नक्सलियों पर चुन-चुन कर हमला किया जा रहा है। इस दिशा में इनामी व खूंखार नक्सलियों की कुर्की जप्ती व सम्पति जप्ती की कार्रवाई भी चल रही है। पुलिस ने जीरो टॉलरेंस की रणनीति बनाते हुए पारसनाथ पहाड़ पर जोरदार ढंग से विशेष सर्च अभियान भी छेड़ रखा है।
नक्सलियों पर लगाम कसने के लिए ईडी नें भी इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। गिरिडीह न्यायालय में भी नक्सलियों के खिलाफ चल रहे मुकदमे में ताबड़तोड़ चार्ज सीट दाखिल किया जा रहा है। न्यायालय ने भी माकपा माओवादी के सेंट्रल कमिटी सदस्यों के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी किया है। गिरिडीह एसपी सुरेंद्र कुमार झा की सोच है कि जब तक नक्सलियों की दहशत इस इलाके में रहेगी तब तक गिरिडीह में विकास योजनाओ को न ही गति मिल पाएगी और न ही यहां के लोग सुख, शांति और चैन की नींद सो पाएंगे।
यह सर्वविदित है कि प्रकृति ने गिरिडीह को शिद्दत से नेमत बक्शी है। लेकिन लाल आतंक की वजह से यहां विकास के कार्य प्रभावित रहते हैं। हालांकि एसपी सुरेन्द्र झा के यहां योगदान देते ही नक्सलियों की मानो शामत ही आई हुई है। इनके कार्यकाल में लगभग तीन दर्जन हार्डकोर नक्सली अब तक दबोच लिए गए हैं। श्री झा लगातार पुलिस बल के साथ बैठक कर नक्सलियों के खात्मे की योजना तैयार कर रहें हैं। इस मामले में सुरेन्द्र झा का कहना है कि अब ज़ीरो टॉलरेंस की रणनीति तैयार की गई है। किसी को भी अब बक्शा नही जाएगा।
गिरिडीह एसपी की माने तो पारसनाथ का जंगल भाकपा माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर रहा है. यहाँ से सेन्ट्रल कमिटी के साथ-साथ एरिया कमांडर के नक्सली तैयार हुए है जो देश के कई हिस्से में आतंक फैलाने का काम किया है. इन नक्सलियों पर सरकार ने एक करोड़ से लेकर एक लाख तक का इनाम घोषित कर रखा है. फ़िलहाल सभी नक्सली पुलिस के राडार पर है.
बहरहाल, प्रकृति और संस्कृति के धनी गिरिडीह के पारसनाथ में जल्द ही खुशियां लौट आएगी और विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ की यह पवन धारा नक्सली आतंक से मुक्त होकर खिलखिला उठेगी इसके संकेत मिलने लगे हैं।