गोड्डा।
गोड्डा में एक बार फिर भू-माफिया और पुलिस की मिलीभगत के कारनामे उजागर हुआ है. माफियाओं द्वारा नगर थाना को अनुग्रहित कर किस तरह घटना को अंजाम दिया गया है, इसकी एक बानगी आज देखने को मिली।
ये वाक्या नगर थाना क्षेत्र के सरकंडा का है. दरअसल भोला साह और उसके परिवार के पूर्वजों की जमीन को भू-माफियाओं ने किसी दुसरे शख्स को 24 लाख रुपये में बेच दिया. अब जिसने जमीन खरीदा उसने वहाँ निर्माण कार्य जब कराना शुरू किया तो भोला और उसके परिवार वालों ने इसका विरोध किया। जोकि इस परिवार को मंहगा पड़ा. भू-माफियाओं द्वारा भोला और उसके परिवार के युवा से लेकर सत्तर वर्षीय बुजुर्ग को मार पीटकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया. जिसमे भोला और उसके माँ को ज्यादा चोटें आई हैं .घायल स्थिति में भी परिवार के लोग कभी नगर थाना तो कभी एस पी से शिकायत करने दौड़ भाग करते रहे.
घायल छह लोगों में चार तो मरहम पट्टी करवाकर एसपी से गुहार लगाने पहुंचे। मगर भोला और उसके माँ अस्पताल में ही इलाजरत हैं. बुजुर्ग मोसमात शांति के पैर की हड्डी टूट गयी है. तो वहीँ भोला को सर पर आठ टाँके लगे और उसे भर्ती कर दिया गया.
कहते हैं कि पुलिस जनता के लिए है और जनता के हितों में काम करने के लिए है .मगर विडंबना देखिये जिस पुलिस को पीड़ित के पक्ष में पहल करनी चाहिए थी- उलटे भू माफियाओं के साथ मिलकर पीड़ितों का दमन करने में लगी है। और जब हमने पुलिस का पक्ष जानने का प्रयास किया तो एसपी साहब ने एस डी पी ओ और नगर थाना प्रभारी से ही बात करने की सलाह दी. मगर इन दोनों ने कैमरे के सामने यह कहकर बोलने से इनकार कर दिया कि वो मीडिया को बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
बहरहाल , इंस्पेक्टर थाना प्रभारी मैडम सहित पुलिस महकमा चाहे लाख ऐसे मामलों में चुप्पी साध लें. मगर ये चुप्पी पूरी दाल ही काली होने का संकेत तो जरुर दे रही है. नहीं तो पीड़ितों द्वारा बार-बार इसकी शिकायत लिखित रूप से देने के बावजूद कार्यवाई क्यों नही हुई ? एस पी साहब के दिशा निर्देश के बावजूद आपके द्वारा कार्यवाई क्यों नहीं की गयी ?