हज़ारीबाग।
हाल के दिनों में युवाओं में नौकरी को लेकर मानसिकता में बदलाव हुआ है. पहले जहां युवाओं में डॉक्टर और इंजीनियर बनने की ललक होती थी. वही आज सभी क्षेत्रों में अवसर तलाश रहे हैं. ऐसे ही आईआईटीयन युवाओं की दरोगा बनने की ललक से साफ प्रतीत होता है.
ट्रेनिंग ले रहे नवनियुक्त दरोगा:
हजारीबाग के पीटीसी में पुलिस ट्रेनिंग कैंप में नवनियुक्त दरोगा ट्रेनिंग ले रहे हैं कि कैसे राज्य में कानून लागू रहे, कैसे आम लोग भय मुक्त हो, समाज समतामूलक हो. पिछले दिनों झारखंड में भारी पैमाने पर दरोगा के रिक्त पदों पर बहाली हुई है. इस बहाली में युवाओं ने पूरे जोशोखरोश के साथ भाग लिया और परीक्षा उत्तीर्ण की राज्य के तीन स्थानों पर इनकी ट्रेनिंग चल रही है. उन्हीं में से एक ट्रेनिंग सेंटर हजारीबाग में है जहां यह नौकरी में जाने से पूर्व ट्रेनिंग ले रहे हैं. चेन्नई सफल प्रत्याशियों में जो खास बात है. वह यह है इनमें डेढ़ सौ से अधिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई किए हुए युवक-युवतियां है. इनमे 3 आईआईटीयन है. झारखंड में शायद यह पहली बार है तीन आईआईटीयन दरोगा बनेंगे। हलाकि पुलिस ट्रेनिंग कैंप के प्राचार्य डीआईजी से युवाओं के सरकारी नौकरी के लिए नहीं मिले मौके का फायदा लेने की बात करते हैं।
आईआईटीयन दरोगा देंगे तकनीकी सेवा:
वही आईआईटी जैसे शानदार करियर को छोड़कर दारोगा बनना भला क्यों। यह पूछने पर इन सफल आईआईटीयन दरोगा का जो जवाब आया वह बड़ा सुखद था. उन्होंने कहा इस क्षेत्र में रहकर वह बेहतर सेवा कर सकते हैं. आम लोगों के लिए उनका तकनीकी ज्ञान पुलिस पुलिस बल को बेहतर लाभ देगा।
सरकारी नौकरी का क्रेज युवाओं में तो रहता ही है. लेकिन आज भी देश में इंजीनियरिंग को एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जाता है. खासकर आईआईटीयन होना युवाओं का पहला प्रयास होता है. लेकिन जब आपके दिल में सेवा का भाव हो और और पुलिस के वर्दी के रूप में रुतबा की चाहत हो तब आप आईआईटीयन से ज्यादा एक दरोगा होना पसंद करते हैं. शायद यही भाव झारखंड के युवाओं को दरोगा बनने पर मजबूर कर रहा है।