पाकुड़।
पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र प्रसाद वर्णवाल ने पत्रकार सम्मेलन कर जानकारी देते हुए कहा कि काम दिलाने के नाम पर मज़दूरों को ले जाने वाले मास्टर माइन्ड महेशपुर थाना क्षेत्र के सीलमपुर निवासी राजेश मड़ैया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पाकुड़ सहित पश्चिम बंगाल, असम , नेपाल के मजदूरों को अपने जाल में फंसा कर अगरबती बनाने वाली कम्पनी में नौकरी दिलाता था। कम्पनी मजदूरों को 9 हजार रुपया देती थी, वही राजेश मड़ैया सात हजार रुपया में काम कराता था। बालाजी अगरबती कम्पनी को प्रकाश मुर्मू व किलिप किस्कु को राजेश मड़ैया तमिलनाडु ले गया था। परिजनों से मजदूरो की बात लम्बे समय से नही हो रही थी। तब प्रकाश मुर्मू की पत्नी सुशीला हासदा ने महेशपुर थाना में इसकी लिखित शिकायत की थी।
मामले को लेकर पुलिस छानबीन करने के बाद राजेश मड़ैया के घर से छापेमारी कर रही थी पर अभियुक्त फरार चल रहा था। इसके बाद एसपी के निर्देश के बाद एसडीपीओ ने पुलिस टीम गठित किया और छापेमारी कर फरार चल रहे अभियुक्त राजेश मड़ैया को गिरफ्तार किया। अभियुक्त ने पुलिस को बताया सात-आठ मजदूरों को बालाजी अगरबती फैक्ट्री में काम दिलवाया है। फैक्ट्री के मालिक मजदूरों को लाने पर एक मजदूर का चार हजार रुपया देते थे। जिसके में मजदूरों को काम दिलाने के लिए तमिलनाडु भेजा था। उधर पुलिस द्वारा कार्यरत्त मजदूरों को फैक्ट्री से छुड़ाया गया।
छुड़ाये गए मजदूरों में प्रकाश मुर्मू, किलिप किस्कु, झारखंड के पाकुड़ जिले के रहने वाले है। वही सुसेन सावरा आसाम, कालू प्रधान दार्जीलिंग और विशवास थापा नेपाल के रहने वाला है। पाकुड़ पुलिस ने तीनों मजदूरों जो दूसरे राज्य और देश के है उसे भेजने का इंतजाम कर रही है।
साथ ही मजदूरों ने बताया कि फैक्ट्री में काम के साथ-साथ काफी प्रताड़ित किया जाता था. मालिको के द्वारा मारपीट की जाती थी और खाना नही देते थे। बंधक बनाकर हम लोगो को रखा जाता था।