धनबाद।

वर्ष 1987 ये वो समय था… जब धनबाद के धनसार स्थित राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में अखिल भारतीय जनसंघ का कार्यक्रम चल रहा था और इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने अटल जी खुद यहाँ पधारे थे।

झरिया स्थित शंकर हेयर कटिंग सैलून बनाए थे दाढ़ी:
झरिया के चार नंबर स्थित शंकर हेयर कटिंग सैलून के मालिक शंकर ठाकुर को 1987 में वाजपेयी जी का दाढ़ी बनाने का मौका मिला था। तब उनकी उम्र महज 15 वर्ष थी। भाजपा नेता राजकुमार अग्रवाल को वाजपेयी जी की देख-रेख की जिम्मेवारी मिली थी। राजकुमार अग्रवाल जी शंकर को अपने साथ लेकर वाजपेयी जी के पास गए जब शंकर वाजपेयी जी का दाढ़ी बनाने लगे तब शंकर का हाँथ कांपने लगा। यह देख वाजपेयी जी बोलें "वाजपेयी नही आम आदमी समझकर दाढ़ी बनाओ"।
नाई शंकर को "मिनी वाजपेयी" कहकर अपने गाड़ी में बॉडीगार्ड्स को घुमाने के लिए झरिया भेजा था:
दाढ़ी बनाने के बाद वाजपेयी जी के बॉडीगार्ड ने वाजपेयी जी से पास के झरिया घूमने की इच्छा जाहिर की, तो वाजपेयी जी ने बॉडीगार्ड को घुमाने के लिए शंकर को "मिनी वाजपेयी" कह कर घुमाने को कहा और अपनी गाड़ी पर सवार होकर झरिया जाने को कहा। यह सुन कर शंकर बहुत खुश हुआ और बॉडीगार्ड को घुमाने के लिए झरिया की ओर चल दिये। यह याद कर आज भी पेशे से नाई शंकर फफक उठते हैं। वो आज भी वाजपेयी जी द्वारा दी गई उपहार स्वरूप कुर्सी को संभाल कर रखे हुए है।
कई बार कोयलांचल आये थे अटल जी:
वैसे तो अटल जी की कोयलांचल धनबाद की धरती से कई यादे जुड़ी है, लेकिन बाकी सभी प्रसंगों को छोड़ हम आज इसी प्रसंग की चर्चा इसलिए कर रहे है, क्योंकि इस प्रसंग में अटल जी का अपने साथ जुड़े लोगों और आम लोगो की छोटी-छोटी इक्षाओं और उनके प्रति उनकी संवेदनाओं की झलक साफ नज़र आती है।