हज़ारीबाग।
लीवर बर्स्ट जैसे घातक बीमारी और मरणासन्न अवस्था में पहुंचे मरीज को बचाकर निकालने वाला डॉक्टर मरीज के लिए दूसरा जन्मदाता हो जाता है.
ऐसा ही एक संवेदनशील मामला विगत दिन शहर के निजी अस्पताल एचजेडबी आरोग्यम मल्टीस्पेशेलिटी हॉस्पिटल में तब देखने को मिला जब कोडरमा जिला के एक मरीज मंजय कुमार यादव असहनीय पेट दर्द, तेज़ बुखार, लगातार पेट फूलने और शरीर के पीले पड़ने की शिकायत लेकर गंभीरावस्था में ईलाज हेतु अस्पताल में पंहुचा। अस्पताल के कुशल और अनुभवी डाक्टर्स की टीम ने तुरंत सभी जरुरी चिकित्सीय जांच के साथ-साथ पेट का अल्ट्रासाउंड कराया। जिससे पता चला की मरीज का लीवर फट चूका है और पेट में करीब 03 लीटर खून जमा है और मरीज का क्रीटनीन भी अत्यधिक बढ़ा हुया है.
मरीज की गंभीरावस्था को देखते हुए और उनके परिजनों के आग्रह के पश्चात् आरोग्यम अस्पताल के ख्यातिप्राप्त शल्य चिकित्सक डॉ० बी० एन० प्रसाद और उनकी टीम ने साहसिक कदम उठाते हुए त्वरित ऑपरेशन करने की बीड़ा उठाया। ऑपरेशन शुरू होते ही मरीज के पेट से लगातार खून का रिसाव होने लगा जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा थ. ऐसे में ऑपरेशन के क्रम में ही चिकित्सक ने तुरंत रक्त उपलब्ध कराने का आग्रह किया | मरीज के परिजन नहीं रहने पर आरोग्यम अस्पताल के चार कर्मियों ने अपना खून देकर तुरंत रेड क्रॉस के ब्लड बैंक से रक्त उपलब्ध कराया और चिकित्सकों ने 6 घंटे तक चले ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।