देवघर/ सारठ।
सारठ प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा योजना में मची लूट थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा उदाहरण सारठ पंचायत के बेलबरना गांव की है।
ग्रामीण लाभूक बद्री महतो को वर्ष पूर्व मनरेगा से एक सिंचाई कूप की स्वीकृति मिली थी। जिसे लाभुक ने फसियाबाद मौजा में उक्त कूप को बनवाया था। सिंचाई कूप का निर्माण बिचैलिया द्वारा जैसे-तैसे निर्माण करा दिया। वहीं रोजगार सेवक, जेई व मुखिया ने पीसी पगड़ी के चलते निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा। जिसका परिणाम दो साल के अंदर ही लगभग चार लाख की लागत से बने सिंचाई कूप धवस्त हो गया। वहीं बसमता मौजा में बनाये गये एक सिंचाई कूप भी तीन साल में ही धवस्त हो चुका है।
कूप में लगी थी पम्प सेट:
फसियाबाद के किसान सिकंदर मांझी ने मंगलवार को धान रोपने के लिये उक्त कूप में पंप सेट लगाया था। इसी बीच अचानक जोरदार आवाज के साथ कूप जमींदोज हो गया। जिसमें पंपिंग मशीन का सेक्शन भी कूप में समा गया। किसान ने कहा 1500 रूपये का सेक्सन बर्बाद हो गया।
बाल-बाल बचे किसान:
सिकंदर मांझी व उनका बेटा बाल-बाल बच गया। पंपिंग मशीन लगाकर किसान खेत की और बढ़े ही थे कि कूप धंस गया। थोड़ी देर अगर वे वहां रहते तो हादसे का शिकार हो सकते थे।
क्या कहते है ग्रामीण:
ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन के लापरवाही से ऐसी घटना घटी। विभाग के अधिकारी कमीशनखोरी करते है जिसके चलते बिचैलिया जैसे-तैसे निर्माण कार्य करते है। प्रशासन ऐसे दोशी पर सख्त कार्रवाई करें अन्यथा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा जायेगा। वहीं कहा कि अब ये गड्ढ़ा जान माल के लिये खतरा बन गया है। जल्द से जल्द या तो इसका घेराबंदी करायें या गड्ढे में मिट्टी भरवाये।
जांच कर होगी कार्रवाई:
सारठ बीडीओ निशा कुमारी सिंह ने कहा कि मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जायेगी। अभी श्रावणी मेले में सभी की प्रतिनियुक्ति को लेकर जांच कार्य बाधित होगा।