गिरिडीह।
एक दर्दनाक वाक्या पेश आने के बाद गांडेय के रेफरल हॉस्पिटल में हंगामा पसर गया। आरोप है कि यहां चिकित्सकों की लापरवाही से एक प्रसूति महिला की मौत हो गई। वही उसके नवजात ने भी दम तोड़ दिया। घटना से इलाके में आक्रोश फैल गया। भारी तादाद में लोग जेएमएम के बैनर तले हॉस्पिटल के बाहर हंगामा किया और दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
हंगामा कर रहे सभी लोग जेएमएम के कार्यकर्त्ता और मरीज के परिजन थे. लोगो का आरोप है कि प्रसव पीड़ा से कराह रही एक विवाहिता ने इलाज के आभाव में दम तोड़ दिया। बताया गया कि लोहानी ग्राम निवासी जागेश्वर यादव की पत्नी पुष्पा देवी को उसके परिजनों ने प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया था। लेकिन ऑन ड्यूटी चिकित्सक के गायब रहने की वजह से बच्चा होने के बाद महिला की तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई। स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल होता देख कुछ घंटे के इंतजार के बाद परिजन उसे लेकर गिरिडीह के लिए रवाना हुए लेकिन पुष्पा देवी ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
घटना से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इस बावत मृतक के पिता लीलाधर यादव ने कहा कि एक तो चिकित्सक अस्पताल से गायब थे. वही अस्पताल में एंबुलेंस की सुविधा भी नहीं थी। इस वजह से पुष्पा को मजबूरन टेंपो से गिरिडीह ले जाया जा रहा था, तभी रास्ते में उसकी मौत हो गई।
इधर,इस मामले में जेएमएम जिला कमेटी ने जोरदार हंगामा किया। मौके पर पार्टी नेता संजय सिंह व अन्य नेताओं ने कहा कि यह स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने कहा कि आज राज्य भर का सरकारी तंत्र पूरी तरह फेल हो गया है।जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
इस मामले में स्थानीय सीओ सह बीडीओ,गांडेय मो जहूर आलम ने भी माना के ऑन ड्यूटी चिकित्सक गायब थे, जिस वजह से महिला का उचित इलाज नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गई।हालांकि के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्रदीप बैठा का कहना है कि ऑन ड्यूटी चिकित्सक के स्थान पर एक अन्य चिकित्सक ने महिला का इलाज किया था। लेकिन किन परिस्थितियों में डॉ संजय चौधरी के जगह पर अबू कासिम ड्यूटी पर थे इसकी जांच की जाएगी।इन्होंने इसे लापरवाही का मामला मानने से इंकार कर दिया।
बहरहाल,आरोप-प्रत्यारोपों के बीच चाहे लाख सफाई दी जाए.लेकिन सच्चाई यही है के इलाज के अभाव में एक जच्चा-बच्चा असमय काल के गाल में समा गया है। यह कोई पहला मामला नहीं है जब विभाग के लापरवाह रुख से किसी की जान गई हो।स्वास्थ्य विभाग को अब भी ऐसे मामलों में संज्ञान लेकर कार्यशैली में बदलाव का प्रयास करना होगा तभी कुछ संभव है। वर्ना हर दिन पुष्पा देवी जैसी घटनाएं होती रहेंगी इस बात से इनकार नही किया जा सकता।