हज़ारीबाग।
जैन धर्मावलंबियों का पावन चतुर्मास पर्युषण पर्व इन दिनों चल रहा है. इस पर्व के अवसर पर हजारीबाग के महावीर मंदिर में जैन मुनि शीतल सागर जी महाराज का आगमन हुआ है.
शीतल सागर जी महाराज ने अपने आगमन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम जैन मुनियों के लिए यह 4 माह आगमन विधि या आगम निगम से परे होता है क्योंकि अधिकतर जीव जंतुओं की उत्पत्ति बरसात में ही होती है. इसलिए अहिंसा परमो धर्म के सिद्धांत के अनुरूप हमारे गमन काल के दौरान कहीं हिंसा न हो जाए इसलिए हम एक जगह पर प्रवास करते हैं और धर्म का साधना करते हुए शिखर पर पहुंचते हैं.
इसके अलावा बरसात के दिनों में जहां एक ओर व्यवसाय की गति धीमी रहती है. वहीं दूसरी ओर शादी ब्याह का भी प्रयोजन ना के बराबर होता है इसलिए इस समय धर्म-कर्म में रुचि लेना हितकर होता है. इस मौके पर जैन धर्मावलंबियों के स्त्री-पुरुष जहां जैन मुनि के प्रवचन को सुनते हैं. इसके अलावा भजन कीर्तन में समय गुजारते हैं. महिलाओं में विशेषकर ज्यादा उत्साह देखा जा रहा है और महिलाएं कह भी रही है कि जैन मुनि के आगमन के साथ ही हमारा धार्मिक कर्म पर जाता है और हमें काफी सुख की अनुभूति होती है.