रांची।
झारखण्ड से राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने मुख्यमंत्री रघुवर दास, कोल इंडिया और राज्य में कार्यरत उसकी अधीनस्थ इकाईयों से बंद पड़ी भूमिगत कोयला खानों का इस्तेमाल साहसिक/रोमांचकारी पर्यटन (एडवेंचर टूरिज्म) के लिए करने का आग्रह किया है.
सांसद महेश पोद्दार ने अतारांकित प्रश्न के जरिये यह मामला मंगलवार को राज्यसभा में भी उठाया| प्रत्युत्तर स्वरुप केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के. जे. अलफोंस ने बताया कि रोमांचकारी पर्यटन के तौर पर खानों की यात्रा सहित पर्यटन का विकास एवं संवर्धन राज्य सरकारों और सम्बंधित केन्द्रीय एजेंसियों का दायित्व है| हालांकि मंत्री अल्फोंस ने यह भरोसा जरुर दिलाया कि पर्यटन मंत्रालय सम्बंधित योजनाओं के तहत राज्य सरकार अथवा केन्द्रीय एजेंसियों को जरुरत के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान कर सकता है|
महेश पोद्दार ने कहा कि संसद में उन्हें उपलब्ध कराये गए उत्तर के मुताबिक़ वर्ष 2018 को “भारतीय रोमांचकारी वर्ष” के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है|
झारखण्ड की भूमिगत कोयला खदानें दुनिया भर के लोगों के लिए कौतूहल और आकर्षण का केंद्र रही हैं| यदि इन बंद कोयला खदानों को पूर्णतः सुरक्षित बनाकर कुछ जरुरी सुविधाओं के साथ पर्यटकों के लिए खोल दिया जाय तो उन्हें भरोसा है कि देश और दुनिया के पर्यटक इस ओर आकर्षित होंगे| इससे कोलियरी क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे| उन्होंने कहा कि राज्यसभा में सरकार के उत्तर से स्पष्ट है कि इस योजना को अमली जामा पहनाना राज्य सरकार और कोल इंडिया का ही दायित्व है इसलिए राज्य सरकार और कोल इंडिया को इसकी पहल करनी चाहिए।