धनबाद।
धनबाद में वर्चस्व की खूनी जंग में गोली की तड़तड़ाहट, बम की आवाज और तीर की निशान से पूरे इलाका में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. लोग जहां-तहां भागने लगे.
घटना धनबाद के झरिया की है. जहाँ, बीसीसीएल के कोयला उत्खनन कर रही निजी आउटसोर्सिंग कम्पनी बीजीआर में झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा बंद का आह्वान किया गया था. बंद समर्थकों ने दहशत कायम करने के लिये हरवे हथियार से लैस होकर पहुंचे।
ऑउटसोर्सिंग को बंद करने पहुंचे थे जेएमएम समर्थक
आउटसोर्सिंग कर्मियों में दहशत फैलाने के लिये कई राउंड फायरिंग और बमबाजी की गयी। जिससे आउटसोर्सिंग कर्मियों में दहशत का माहौल बन गया। जिसमें तीन लोग बुरी तरह घायल हो गए. आनन-फानन में इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया. बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और तीन लोगो को गिरफ्तार कर जाँच में जुटी हैं. वही घटना स्थल पुलिस छावनी में तब्दील हो गया |
बमबाजी गोलियों की आवाज से दहशत फैलाने की कोशिश
आसपास के लोगों ने कहा कि धनबाद में निजी कोयला कम्पनियों में वर्चस्व कायम और निजी स्वार्थ के लिये राजनीतिक संगठनों के द्वारा बंद बुलाया जाता है। इस दौरान समर्थकों द्वारा कम्पनी के कर्मियों में दहशत कायम करने के लिये जमकर हरवे हथियार का उपयोग होता है। आज भी झरखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा बुलाये गये बंद के दौरान बंद समर्थकों ने जमकर गोलीबारी और बमबाजी कीं घटना को अंजाम दिया और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इस दौरान बंद समर्थकों के द्वारा चलाये गये तीर से दो कर्मी गम्भीर रूप से घायल हो गये जिन्हें इलाज के लिये धनबाद के पीएमसीएच ले जाया गया है ।
भारी संख्या में पुलिस की तैनाती:
घटना के बाद से बीजीआर आउटसोर्सिंग कम्पनी में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। पर घटना के बाद से आउटसोर्सिंग कम्पनी के कर्मियों में दहशत का महौल है ।
घटना स्थल से दो खोखा बरामद, तीन की गिरफ़्तारी:
सिंदरी अंचल के डीएसपी ने बताया की बंद की सूचना पहले से थी. बंद समर्थकों से कड़ाई से निपटा गया. फिलहाल स्थिति समान्य है । घटना में तीर लगने से दो लोग गम्भीर रूप से घायल है । तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है। जिनके पास से कई जिंदा कारतूस और एक देशी कार्बाइन बरामद किया गया है । पर सवाल यह उठता है कि अगर बंद की सूचना पहले से पुलिस को थी तो फिर यह घटना कैसे घटी।