हज़ारीबाग:
हज़ारीबाग़ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए बालु उठाव हो रहा है। सरकारी काम में बालू का काम देखने को मिल रहा है और जोर शोर से काम भी हो रहा है।
ऐसा ही काम हज़ारीबाग़ के मालवीय मार्ग मे देखने को मिला।जहा सरे आम सरकारी योजना मे बालू का उपयोग हो रहा है। दरअसल हज़ारीबाग़ में कई सरकारी योजना चल रही है। जिसके अंतर्गत pcc सड़क बनना है. साथ ही नाला बनना है। जिस काम मे बालू, सीमेंट, छड की आवश्यकता होती है।जबकि बालू उठाव पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोक लगा रखी है। फिर भी काम जारी है।
जब काम करने वाले कॉन्ट्रेक्टर से पूछा गया कि बालू कहा से लाया गया तो उन्होंने सबसे पहले बताया बालू स्टॉक किया हुआ था. बालू वही से लाया गया।लेकिन बातों बात मे उन्होंने ये भी कह दिया बालू ब्लैक में लेकर काम करना मजबूरी है। अगर काम समय पर पूरा नही हुआ तो जुर्माना लगेगा।इस कारण बालू इंतजाम कर काम करना पड़ रहा है। वही उन्होंने ये भी दुख बयां किया कि बालू के अभाव में बहुत सा काम पेंडिंग पडा है। तो सवाल ये उठता है आखिर सरकारी काम कैसे हो रहा है। एक ओर प्रशासन बालू उठाव करने वाले को धर-पकड़ कर रही है तो ठिकेदार के पास बालू कहाँ से मिल रहा है।
बता दे कि हज़ारीबाग़ समेत पूरे राज्य में इन दिनों बालु तस्करों के खिलाफ सरकार ने ज़ोरदार अभियान चला रखा है। दरसअल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश जारी किया है कि मॉनसून के समय किसी भी नदी घाट से बालू निकालने पर पाबंदी है। जिला खनन टास्क फोर्स की ओर से चेतावनी दी गई है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए किसी भी नदी तट से बालू की निकासी न करें। यह अवधि 15 अक्टूबर 2017 तक प्रभावी रहेगी। वही कुछ दिन पहले ही sdo आदित्य रंजन ने कहा था कि बालू उठाव पुर्णरूप से मानसून के समय प्रतिबंधीत रहेगा।