रांची:
सीआरपीएफ आज अपना 79वां स्थापना दिवस मना रहा है । झारखंड के खूंटी में मुख्य रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान सीआरपीएफ के 79 सालों की वीरगाथा का भी वर्णन किया गया।
याद किया गया शौर्य गाथा:
सीआरपीएफ की 79वें स्थापना दिवस पर शुक्रवार को खूंटी स्थित 209 कोबरा बटालियन में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सीआरपीएफ झारखंड सेक्टर के आइजी संजय आनंद लाठकर ने जवानों को उनके साहस, वीरता एवं सराहनीय कार्य के लिए महानिदेशक का 29 डिस्क, 40 प्रशस्ति पत्र, 185 आतरिक सुरक्षा पदक एवं प्रशसा पत्र प्रदान कर सम्मानित किया ।आईजी ने देश की सेवा करते हुए शहीद जवानों को याद करते हुए उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं की जानकारी भी ली साथ ही यह भरोसा भी दिलाया कि उनके हर सुख दुख में सीआरपीएफ शामिल है।
झारखंड में अहम योगदान:
झारखंड में नक्सलवाद की जड़े खोदने में सीआरपीएफ की अहम भूमिका रही है।नक्सलियो से लोहा लेते हुए सीआरपीएफ ने 54 प्राणों की आहुतियां देकर 210 नक्सलियों को पकड़ा जबकि 21 को मुठभेड़ में मार गिराया। जब सीआरपीएफ की टीम झारखंड में नहीं थी तब नक्सलियों का बोलबाला था । झारखंड पुलिस अकेले नक्सलियो से निपटने में सक्षम नही थी। लेकिन जैसे ही सीआरपीएफ के टीम झारखंड पहुंची अपने ताबड़तोड़ अभियान के बीच राज्य के नक्सलियों को बैकफुट पर ला दिया। राज्य में सीआरपीएफ ने कदम रखते ही नक्सलियों की सफाई का अभियान शुरू कर दिया और नक्सलियों के तंत्र को तोड़ डाला। झारखंड राज्य में पिछले आठ वर्षो में नक्सलियों की सफाई में 54 जवानों ने प्राणों की आहूति दी है। जबकि मौजूदा समय में 25000 जवान झारखंड के जंगलों और नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ डटे हैं।
2 जुलाई 2010 में बना था जोनल मुख्यालय:
झारखंड में सीआरपीएफ के जोनल मुख्यालय की स्थापना दो जुलाई 2010 को हुई थी। इससे पूर्व राज्य में सीआरपीएफ बिहार जोन मुख्यालय के अधीन मोर्चा संभाले थी। वर्तमान समय में सीआरपीएफ के 22 बटालियन झारखंड काम कर रहे हैं जिनमे कोबरा की दो बटालियन भी शामिल है।