देवघर/जसीडीह:
आए दिन जसीडीह रेलवे स्टेशन पर बच्चों की कुछ सामान की बिक्री करते देखा जाता है. जिसको लेकर रेल प्रशासन ने जसीडीह स्टेशन को बाल श्रम मुक्त बनाने की कवायद शुरू कर दी है.
भीड़ भाड़ वाला दिन हो या श्रावणी मेला, अक्सर नाबालिग बच्चों द्वारा स्टेशन पर अखबार, खाने-पीने की चीज़े बेचते देखा जाता है.ऐ से में आरपीएफ जसीडीह द्वारा इस वर्ष यह अभियान चलाया जा रहा है कि कोई भी बाल श्रमिक अगर स्टेशन परिसर में काम करते नजर आता है तो उसे सीडब्लूसी के हवाले कर दिया जाएगा. साथ ही बच्चों के अभिवावक को समझाकर काम नहीं कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
इसी अभियान के तहत रेलवे स्टेशन से दो बाल श्रमिक को रपीएफ द्वारा भुट्टा बेचते हुए पकड़ा गया जिसे सीडब्लूसी के हवाले कर दिया गया. इस संबंध में आरपीएफ के इन्सपेक्टर ने बताया कि श्रावणी मेला के शुरूआती दौर में कम उम्र के बच्चों द्वारा सामान बेचना शुरू कर दिया जाता है. यह बाल मजदूरी है जो कि नियम के खिलाफ है इसलिए आरपीएफ द्वारा एक अभियान चलाया गया है. जिसमें सीडब्लूसी के सहयोग से दो बच्चों को आज सीडब्लूसी को सुपूर्द किया गया. उनके अभिवावक को बुलाकर उनसे बान्ड भरवाकर उसे छोड़ दिया गया.
उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा काम कराने की परंपरा इस श्रावणी मेला में टुटेगी. इसके लिए जिन बच्चों से काम कराया जाता है उसके अभिवावकों को समझाया जा रहा है कि इस उम्र में पढ़ने लिखने का समय है और बच्चों से अभिवावक काम करवा रहे हैं.अभिवावक जागरूक हो रहे हैं और अब बच्चों से काम नहीं करवाऐंगें. उन्होंने कहा कि अगर समझाने के बाद भी अभिभावक बच्चो से काम कराते हैं तो अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।