देवघर/सारठ:
सारठ प्रखंड क्षेत्र के शिमला पंचायत के महलजोरी-कानाटांड़ गांव के ग्रामीण कच्ची व जर्जर सड़क से काफी परेशान है। बरसात के दिनों में थोड़ी सी बारिश होने से सड़क पर ग्रामीणों को पैदल चलना दुभर हो जाता है। वहीं उक्त गांव में आज तक शौचालय भी नहीं बना है। जिससे खास कर महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
करोडों की लागत से बना पूल व सड़क की उपयोगिता बेकार:
महलजोरी जोरिया में लगभग चार करोड़ की लागत से पूल का निर्माण कराया गया है। वहीं ठाढ़ी जोरिया में भी लाखों की लागत से पूल निर्माण कराया गया है। लेकिन पीडब्लुडी सड़क करमचंद मौजा से महलजोरी पूल तक ही सड़क का निर्माण कराया गया है। महलजोरी से चिकनिया मौजा तक महज डेढ़ किलो मीटर सड़क नहीं रहने के कारण करोड़ों की लागत से बने पुल व सड़क की उपयोगिता बेकार साबित हो रही है। सड़क नहीं बनने के चलते करमचंद, महलजोरी, रंगनिया, सुग्गापहरी, कानाटांड़ आदि गांवों के सैकड़ों लोगों को सारठ व चितरा आने-जाने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों ने कई बार कृषि मंत्री रंधीर सिंह से सड़क बनवाने की अपील की। मंत्री ने भी लोगों को सड़क निर्माण कराने का भरोसा दिया। लेकिन अभी तक सड़क निर्माण कराने की दिशा में पहल शुरू नहीं की गई है। ग्रामीणों ने मंत्री से जल्द सड़क निर्माण कराने की अपील की है।
गांव में एक भी शौचालय नहीं:
उक्त गांव में आज तक एक भी शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है। महिलाओं ने कहा कि दो साल पूर्व जल सहिया द्वारा पांच शौचालय निर्माण कार्य शुरू किया था जो आज भी आधा अधुरा पड़ा है। महिलाओं ने कहा कि शौचालय नहीं रहने से खास कर महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अंधेरे में सुनसान जगह पर शौच जाने से हर समय खतरा बना रहता है।