देवघर/सारठ:
विद्यालयों में एक भी दिन एमडीएम बंद नहीं हो इसको लेकर प्रखंड व जिला से लेकर राज्य स्तरीय गठित टीम द्वारा प्रतिदिन माॅनिटरिंग कराई जाती है। बावजूद एक-एक माह से विद्यालयों में एमडीएम का बंद रहना व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है।
प्रखंड के एक दर्जन विद्यालयों में महिनों से एमडीएम बंद है। किसी विद्यालय में एक माह से तो किसी में एक सप्ताह से चुल्हा नहीं जला है। जिससे करीब एक हजार बच्चें मध्याह्न भोजन के लाभ से वंचित रह रहे है। वहीं एमडीएम नहीं बनने से विद्यालयों में बच्चों के उपस्थिति भी प्रभावित हो रही है।
कहां-कहां है एमडीएम बंद:
प्रखंड के उच्च विद्यालय कुकराहा जिसमें तीन स्कूलों को मर्ज किया गया है वहां पिछले एक माह से एमडीएम बंद है। वहीं उमवि उपबहियार में भी एक माह से एमडीएम बंद है। बताया जाता है कि उक्त विद्यालयों में विप्रस का चुनाव नहीं होने से एमडीएम बाधित है। लोगों की माने तो विद्यालय के सचिव, पूर्व विप्रस के अध्यक्ष व बीआरसी कर्मी की मिलीभगत के चलते जान बुझकर चुनाव नहीं किया जा रहा है। जिसका खमियाजा स्कूली बच्चों को उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा उमवि अम्बा, उप्रावि मंजुरगिला, नींचे पिंडारी, प्रावि सुरा, षमलापुर, झिलुवा समेत कई अन्य विद्यालयों में एक सप्ताह से एमडीएम बंद है।
अभिभावको का कहना है कि विभाग के अधिकारी की लापरवाही के कारण स्कूलों में अक्सर भोजन बंद रहता है। जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एक भी दिन एमडीएम बंद नहीं होना चाहिये। लेकिन दोषी अधिकारी के विरूद्ध कभी भी ठोस कार्रवाई नहीं होने से अधिकारी भी अक्सर मनमानी करते है।
क्या कहते है बीईईओ:
प्रभारी बीईईओ तरूण घाटी ने बताया कि कुछ विद्यालयों में राशि के आभाव में एमडीएम बंद है। जिसके लिए जिला को लिखा गया है। वहीं जिस विद्यालय में विप्रस के चुनाव को लेकर एमडीएम बंद है उस पर जांच कर कार्रवाई की जायेगी।