देवघर/सारठ:
एक तरफ झारखंड सरकार सड़क निर्माण व जिर्णोद्धार के नाम पर करोड़ों खर्च कर रही है। वहीं दुसरी ओर पूर्व में बनी ग्रामीण सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है। नतीजा लोगों को आवागमन में भी पारे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सारठ-मधुपुर पीडब्ल्युडी सड़क स्थित बामनगामा से बंझेटा होते हुए खखड़ा, महराजगंज आदि गांव जाने वाली आरईओं पथ की हालत इन दिनों काफी जर्जर हो गई है। स्थिति यह है कि थोड़ी सी बारिश होन से ही उक्त सड़क पर पर गुजरना काफी कष्टदायक हो जाता है। ऐसे में यह समझना भी बड़ा मुश्किल होता है कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क।
एक दशक पूर्व बने इस आरईओ के पथ अति जर्जर होने के बावजूद भी किसी जनप्रतिनिधियों ने कभी इसकी सुधि तक नहीं ली। हालांकि उक्त सड़क के अगल-बगल बसे कई गांवों के लोगों ने कभी सड़क पर धान की रोपाई और सड़क में बने गड्ढे के जमा पानी में बत्तख पालन कर भी विभाग के अधिकारियों को कुंभकर्णी निंद्रा से जगाने का हर संभव प्रयास किया। स्थानीय जनप्रतिनिधि व प्रशासन से भी उक्त सड़क को बनाने को लेकर गुहार भी लगाई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। खखड़ा गांव कि हालत तो ऐसी है कि बरसात में लोगों को घरों से निकलना दुभर हो जाता है।
वहीं चिकनी व दलदल मिट्टी रहने के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। बच्चे स्कुल नहीं जा पाते है। वहीं गांव में किसी प्रकार की बिमारी या महिला को प्रसव के लिए बाहर ले जाने के लिए लोगों को 21वी सदी में भी खाट या डोली बनाकर ले जाना पड़ता है।
वहीं खखड़ा गांव स्थित महादेवा तालाब जिर्णोद्धार के दौरान संवेदक द्वारा तालाब से उठाई गई मिट्टी को सड़क पर ही डाल देने से स्थिति भयावह हो गई है। ग्रामीणों ने कृषि मंत्री रंधीर सिंह से उक्त सड़क के निर्माण की मांग की है।