रांची:
नेशनल शूटर तारा शाहदेव के तलाक पिटीशन पर सुनवाई करते हुए रांची फैमिली कोर्ट ने तलाक पर सहमति दे दी. इस तलाक पर सहमति के साथ ही अब दोनों के रास्ते अलग-अलग हो गए. वही कोर्ट के फैसले के बाद तारा शाहदेव ने धोखाधड़ी के खिलाफ अपनी जीत बताया है.
4 साल लंबी चली लव जिहाद के हाई प्रोफाइल मामले में आखिरकार आज जीत तारा शाहदेव की हुई. जब फैमिली कोर्ट ने तारा शाहदेव के द्वारा दायर तलाक पिटीशन पर स्वीकृति दे दी. कोर्ट के इस फैसले के बाद तारा शाहदेव ने कहा कि अब वे आजाद हैं और रंजीत कोहली के नाम का दाग कोर्ट के फैसले के बाद उनकी जिंदगी से मिट गया है. तारा शाहदेव के तलाक पर स्वीकृति के बाद तारा के भाई ऋषि शाहदेव ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह जीत प्रताड़ना की शिकार हो रही तमाम महिलाओं की जीत है। इस फैसले से तमाम ऐसी महिलाएं जो ऐसे मामलों के शिकार होती रही हैं उनका कोर्ट के प्रति एक बार फिर भरोसा जगा है.
तारा ने पूर्व पति रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल पर जबरन धर्म परिवर्तन, प्रताड़ना सहित कई आरोप लगाए थे। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए फैसले के लिए आज की तारीख निर्धारित की थी। फैमिली कोर्ट के जज बीके गौतम की कोर्ट में तारा शाहदेव ने तलाक लेने और शादी रद्द करने को लेकर याचिका दाखिल की थी। सात जुलाई 2014 को रांची के एक बड़े होटल में रंजीत सिंह कोहली के साथ उनकी शादी हुई थी। तारा ने हिंदू मैरिज एक्ट की दो धाराओं के तहत याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि शादी के बाद से ही आरोपी रंजीत उर्फ़ रकीबुल उसे प्रताड़ित करने लगा था। उसने मारपीट के साथ ही धमकी भी दी। साथ ही उसने धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया। आवेदन में तारा शाहदेव ने कहा है कि हिंदू मैरेज एक्ट की धारा 2 और 5 के अनुसार यह शादी अवैध है, क्योंकि हिंदू मैरेज एक्ट के तहत शादी में दोनों का हिंदू सदस्य होना जरूरी होता है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसी तरह के एक मामले में वर्ष 2009 में सुनाए गए एक फैसले का भी हवाला दिया था। तलाक की अर्जी हिंदू मैरेज एक्ट की धारा 12 (1) (सी) के तहत अवैध विवाह को शून्य घोषित करने और धारा 13 (1) (1-ए) तलाक (विवाह विच्छेद) का अनुरोध करते हुए दायर की गई थी।