बोकारो:
राज्य सरकार 2019 तक गांवो में बिजली पहुंचाने का दावा तो कर रही है, लेकिन जहां बिजली व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए वहां बिजली की आँख मिचौली से उपनगर चास की जनता काफी परेशान हैं. गांव तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य में अधिकारी इतने मशगूल है कि शहर को अंधकार में डूबा कर रख छोड़ा है.
कब बिजली आएगी और कब जाएगी किसी को पता नहीं.पांच मिनट के लिए बिजली आती है तो दो से तीन घंटा बिजली रानी गुल. ऐसे में सबसे ज्यादा समस्या अस्पताल आने वाले मरीजो को उठानी पड़ रही है . वहीं स्कूली बच्चे भी काफी परेशान है. छात्र कह रहे है कि बिजली नहीं रहने से स्कूल में पानी की समस्या के साथ गर्मी से काफी परेशान होना पड़ रहा है. पंखा सिर्फ देखना पड़ रहा है.
वहीं मरीज व उनके परिजन कह रहे है कि आखिर गर्मी से राहत कैसे मिलेगी. सुबह-शाम हाथ के पंखे से ही काम चलाना पड़ रहा है. कमोबेश बोकारो शहर की स्थिति भी काफी खराब है. 24 घंटा में मात्र 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है. बोकारो सेल का अपना पावर प्लांट है और कुछ डीवीसी से बिजली ली जाती है. इसके बावजूद बिजली की समस्या से नगरवासी परेशान हैं. कहा जाए तो बोकारो और उपनगर चास दोनो जगहो पर बिजली की गंभीर संकट से जूझ रहा है शहर.
बिजली नहीं रहने को लेकर चिकित्सक भी खासा परेशान है और कह रहे है कि जेनरेटर भी कितना चलाए. जो आवंटन आता है उससे काम नहीं चलता है. ऐसे में खुद चिकित्सको को भी परेशानी उठानी पड़ रही है.
वहीं चास के विद्युत अधीक्षण अभियंता प्रतोश कुमार आश्वासन दे रहे हैं कि जल्द ही अन्य ग्रिड से बिजली मिलने से समस्या का समाधान कर लिया जाएगा. पिछले कई सालो से चासवासी इस कोरे आश्वासन को सुनते हुए काफी परेशान है.