रांची:
सरकार का नारा है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ …लेकिन बेटियों सुरक्षित रहेगी तब तो बेटी आगे बढ़ेगी…. आज भी इस समाज मे बेटियों से ज्यादा बेटो को अहमियत दी जाती है…ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां बेटा पैदा नहीं होने पर ससुराल वाले ने इन्सानियत की साड़ी हदें पार कर दी है….एक माँ को बेटी पैदा करने की ये सजा दी कि उसे तेजाब से नहला दिया गया.
रांची की सिविल कोर्ट में रूह कांपने वाला मामला सामने आया. जहां ससुराल वाले ने बेटा नहीं होने पर तेजाब डालकर माँ को मारने की कोशिश की. ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट तारकेश्वर दास की अदालत में मामला दर्ज कराया गया. इस मामले को लेकर कल की तारीख निर्धारित की गयी है.
दरअसल, ससुराल वालों ने पीड़िता रिंकू देवी को उसके पति बलराम साव ने धोखे से मायके से ससुराल ले जाकर बेटे होने के ईलाज के बहाने तान्त्रिक के पास ले जाने की बात कहकर धोखे से तेजाब से नहला दिया और कहा कि तुम मेरे वंश को आगे नही बढ़ा सकती है. उसके बाद उसे मृत समझ जंगल में छोड़ दिया।
आखिरकार, राहगिरो ने तड़पती अवस्था मे लेस्लीगंज के स्थानीय अस्पताल में पहुचाया। जंहा से बेहतर इलाज के लिए रिम्स भेज गया. विवाहिता के पिता बीरबल साव ने न्याय और बेहतर चिकित्सा के लिए कई जगह गुहार लगाई, लेकिन कही से कुछ नही मिला। उसके बाद रांची कोर्ट में न्याय के लिए याचिका दर्ज कराया। असहाय पिता ने सरकार से आर्थिक सहायता के लिए भी गुहार लगायी है.
बहरहाल, पीड़िता को कोर्ट के आदेश के बाद दर्द से कितनीे मिलेगी निजात ये तो आने वाला समय बताएगा.लेकिन उन दरिंदो कठोर से कठोर सजा ही पीड़िता को दर्द का मरहम हो बन सकता है.