देवघर:
श्रम विभाग द्वारा दिये जा रहे लगातार नोटिस और उसके जवाब के बीच प्रावधानों को लेकर उपजे विवाद के निबटारे के लिए देवघर बिल्डर एसोसियेशन एवं चेम्बर आॅफ काॅमर्स संतालपरगना के प्रतिनिधि मंडल अपनी एवं एसोसियेशन के सदस्यों की समस्याओं से संबंधित निदान के लिए देवघर श्रम विभाग स्थित असिसटेन्ट लेबर कमिश्नर से मिलने उनके कार्यालय कक्ष पहुंचे और अपनी समस्याओं को उनके समक्ष रखा.
बार-बार नोटिस आने से थे परेशान:
इस संबंध में असिसटेन्ट लेबर कमिश्नर ने बताया कि कुछ भ्रांतियां थी जिसे लेकर ये प्रतिनिधि मंडल यहां आए थे. इनलोगों के मन में था कि जिस समय इस्टिमेट बनाते हैं उसी समय एक प्रतिशत नगर निगम में जमा करा दिया जाता है फिर भी श्रम विभाग द्वारा उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है. यही जानने के लिए सभी यहां पहुंचे थे. कानूनी प्रावधान यह है कि जो राशि नगर निगम में जमा की जाती है. वह अग्रिम राशि है. बिल्डिंग कन्सट्रक्शन में जितना खर्च आता है उसका एक प्रतिशत उपकर के रूप में जमा करना है. इसलिए निर्माण होने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकता है. जब भी उपकर कोई नगर निगम में जमा कर रही है उसके बाद लेबर कमिश्नर कार्यालय में उसकी सूचना देनी है. इनलोगों द्वारा सूचना कार्यालय में उपलब्ध नहीं कराने की स्थिति में नोटिस जाते रहती है.
असिसटेन्ट लेबर कमिश्नर ने दी जानकारी:
बिल्डरों के मन में भ्रातियां थी कि जब इनलोगों ने नगर निगम में राशि जमा कर दी है लेकिन उन्हें फिर भी नोटिस जा रही है. इस संबंध में स्पष्ट किया गया कि जो भी जमा किया है या जो भी नक्शा कहता है उसके तहत उपकर का निर्धारण कराना है. जब बिल्डिंग निर्माण कार्य पूरा हो जाए तब फिर उपकर का निर्धारण कराना है. ताकि यह पता चल सके कि बिल्डिंग बनाने में कितना खर्च हुआ और उपकर के रूप में कितना जमा हुआ. जो भी राशि का डिफरेन्स होगा या तो वह बोर्ड में जमा करेंगें या फिर उन्हें लौटाया जाना है तो लौटाये जाने का भी प्रावधान है.
अब कायर्शाला कर दी जाएगी जानकारी:
दोबारा राशि जमा करने को लेकर लोगों में भय बना हुआ है इसलिए यह सहमति बनी कि इस संबंध में चेम्बर के साथ मिलकर एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जिसमें बिल्डर एसोसियेशन के सभी सदस्य और जो भी भवन बना रहे हैं उनके प्रतिनिधि कार्यशाला में उपस्थित रहेंगें ताकि प्रावधानों के बारे में सबों को आवश्यक जानकारी दिया जा सके.