गिरिडीह:
कुव्यवस्था की आकंठ में डूबा जमुआ स्वास्थ्य विभाग की पोल उस वक़्त खुल गयी, जब गिरिडीह उपायुक्त मनोज कुमार ने जमुआ रेफरल अस्पताल का निरीक्षण किया।
इस दौरान स्वास्थ्य केन्द्र की अव्यवस्था को देखकर उपायुक्त भड़क गए. बताया जाता है कि जब उपायुक्त स्वास्थ केंद्र पहुचे तो एक भी डॉक्टर मौजूद नही थे और चिकित्सा प्रभारी का रूम ऑफिस खाली था. एक सुरक्षा कर्मी थे, वो भी दिन के पांच बजे ही वेटिंग हॉल में गहरी नींद फरमा रहे थे.
मौके पर खोरीमहुआ एसडीएम रविशंकर विद्यार्थी ने उपायुक्त को बताया कि यहां के चिकित्सकों की लापरवाही और कुव्यवस्था पर मैं कई बार लिख चुका हूँ लेकिन कोई कारवाई नहीं होने के कारण ब्यवस्था में सुधार नहीं हो पाया है। निरीक्षण के क्रम में मरीज के परिजनों ने उपायुक्त को घेरकर आपबीती सुनाया।
हांलाकि उपायुक्त ने मरीज के परिजनों की बातो को पूरी गंभीरता से लिया और परिजनों और ग्रामीणों की सारी बातें विस्तार पूर्वक सुनी। परिजनों ने कहा कि यहां पदास्थापित सारे चिकित्सक अपने-अपने निजी क्लीनिकों में व्यस्त रहते है, उनको यहां के मरीजों के प्रति कोई संवेदना नहीं है। उपायुक्त ने कहा कि व्यवस्था में सुधार भी होगा और दोषियों पर कार्रवाई भी।