हज़ारीबाग:
हजारीबाग में गुरुवार की देर शाम मुख्य बाजार स्थित झंडा चौक पर हुई घटना को लेकर आज स्थानीय व्यवसाइयों ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए खुद से ही अपने दुकानों को बंद कर दिया।
व्यवसाइयों का कहना है कि हजारीबाग में प्रशासन हमेशा से उनकी अनदेखी करते आई है. हजारीबाग में हमेशा छोटी-छोटी बातों को लेकर माहौल बिगड़ता है और लोग आमने-सामने आ जाते हैं इससे भारी नुकसान व्यवसाइयों को ही होता है. जब भी तोड़फोड़ होती है तो व्यवसाई ही इसमें पीसे जाते हैं जबकि उनका कोई कसूर नहीं होता है. ऐसे में उनके सुरक्षा के कोई भी पुख्ता इंतजामात प्रशासन के द्वारा नहीं किए गए हैं. जबकि प्रशासन को यह मालूम है कि हजारीबाग में ऐसी घटना है जब हमेशा होती है तो मुख्य चौक-चौराहों पर हमेशा पुलिस की व्यवस्था होनी चाहिए।
व्यवसायियों का कहना है कि गुरुवार की शाम जो घटना झंडा चौक पर हुई है वह सदर थाने से 50 गज की दूरी पर स्थित है. ऐसे में उपद्रवियों का इस तरह का दुस्साहस कर लेना बहुत बड़ी बात है. ऐसे में उपद्रवियों को प्रशासन का तनिक भी डर नहीं है. हालांकि व्यवसाइयों के इस कदम उठाए जाने के बाद हजारीबाग के सदर डीएसपी और सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने घूम-घूमकर व्यवसाइयों को दिलासा दिलाया कि आपकी सुरक्षा में पुलिस तैनात है. आप तनिक भी डरिए नहीं। आप अपना दुकान खोलिए और व्यवसाय कीजिए। इस पर व्यवसाई तैयार हुए और पुनः अपनी दुकान खोल लिए.
जबकि इस पूरे मामले पर हजारीबाग जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का कोई भी पदाधिकारी कैमरे पर किसी भी तरह का बयान देने से बचते दिखे।