रांची:
राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल रिम्स हंगामा और मरीजों के दर्द से कराह रहा है. लेकिन देखने वाला कोई नहीं.
रिम्स की स्थिति ठीक नहीं है. नर्सों की हड़ताल से मरीजों की हालत खराब हो रही है. सूचना है अभी तक कई मरीज की मौत भी हो गई है. मरीज़ों के मौत पर सभी के परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा है. मरीजों के शवों के साथ उनके परिजन रविवार सुबह रिम्स के गेट पर बैठ गए, सबका एक ही सवाल है कि आखिर इन लोगों की मौत का जिम्मेवार कौन है ?
बता दे शनिवार को रिम्स के मेडिसिन विभाग में भर्ती महिला मरीज गीता देवी की शुक्रवार देर रात मौत हो गयी थी. गुस्साये परिजनों ने इंजेक्शन देने के कुछ देर बाद ही मरीज की मौत होने का आरोप लगाते हुए नर्स की पिटाई कर दी. इस घटना की जानकारी मिलने के बाद शनिवार सुबह से ही रिम्स की नर्सें हड़ताल पर चली गयीं. वहीं, दूसरी ओर नर्सों ने वार्डों में सेवाएं देनी बंद कर दिया. इमरजेंसी सेवाएं भी ठप कर दी. जूनियर डॉक्टर भी नर्सों के समर्थन में आ गये. इससे रिम्स की चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त हो गयी.
वही रविवार को भी हड़ताल जारी रहा नर्स और डॉक्टर आज पूरी तरह हड़ताल पर रहे हालांकि डॉक्टर्स ने मरीजों के इलाज नहीं होने पर खेद जाहिर की है.मगर उन्होंने यह भी कहा है जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है हड़ताल जारी रहेगा।
मरीजों से भरा रहने वाला इमरजेंसी वार्ड आज पूरी तरह से खाली नजर आया. इमरजेंसी वार्ड में ना तो डॉक्टर थे और ना ही कोई नर्से नजर आई दूसरी ओर, रिम्स के अलग-अलग वार्ड में भर्ती मरीज दर्द से कराहते रह. जिसका गुस्सा मरीजों के परिजनों के चेहरे पर देखने को मिला।उन्होंने जहां रिम्स अस्पताल के बाहर नारेबाजी की वही रिम्स आने वाले मुख्य मार्ग को जाम भी कर दिया।हालांकि प्रशासन द्वारा समझाने पर या जाम हटा लिया गया वहीं मरीज के परिजन अपने मरीज की पीड़ा से बिलखते नजर आए.