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उदाहरण पेश कर रही पालोजोरी महिला एसएचजी, DC ने किया हौंसला अफ़ज़ायी


देवघर: 

देवघर जिले के पालोजोरी प्रखण्ड के जीवनाबांध पंचायत अन्तर्गत फूलजोरी गांव का देवघर उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा द्वारा भ्रमण किया गया। इस दौरान उपायुक्त द्वारा वहां के आजीविका ग्राम संगठन व स्वयं सहायता समूह के महिलाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें और भी अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

हम सभी के लिए गर्व की बात: 

इस मौके पर वहां उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि यह हम सभी के लिए बहुत हीं गर्व की बात है कि हमारे समाज की महिलाएँ अब दूसरों पर निर्भर न रह कर स्वावलंबी हो रही है। इससे उनके आये स्त्रोत में वृद्धि तो हो ही रही है। साथ हीं महिला सशक्तिकरण का एक अच्छा उदाहरण भी प्रस्तुत  हो रहा है। 

उद्धघाटन

आजीविका ग्राम संगठन कार्यालय का गठन: 

उपायुक्त द्वारा आजीविका ग्राम संगठन के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष के साथ मिलकर उस क्षेत्र के आजीविका ग्राम संगठन कार्यालय का गठन किया गया।

अन्य महिलाएं भी आएं आगे: 

 फूलजोरी गांव के महिलाओं द्वारा किये जा रहे रोजगार एवं उन्हें मुहैया करायी जा रही बुनियादी सुविधाओं आदि की जानकारी लेते हुए उपायुक्त ने  कहा कि वर्तमान समय में आवश्यक है कि आजीविका ग्राम संगठन के सदस्यों से सीख लेते हुए इस क्षेत्र की अन्य महिलाएँ भी आगे आएँ। इससे उनका तो विकास होगा हीं साथ हीं समाज का भी विकास हो पायेगा। इसके अलावा उपायुक्त द्वारा स्वयं सहायता समूह के महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा गया कि वे वहाँ के लोगों को अचार, पापड़-बरी बनाने, बांस की टोकरी-सूप व घरेलू सजावट की चीजें जैसे- फूलदान, पांवदान आदि बनाने का प्रशिक्षण दें; ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनाते हुए स्व-रोजगार को बढ़ावा दिया जा सके। इससे रोजगार की संभावनाएँ तो बढ़ेंगे हीं साथ हीं लोगों के जीवन स्तर में सुधार भी आयेगा। 

जिला प्रशासन करेगी हर संभव मदद: 

उपायुक्त ने कहा कि महिलाएँ अपने द्वारा निर्मित सामानों की बिक्री की चिंता न करें। एक बार सामान बन जाय तो उसके विक्रय के लिए बाजार भी उपलब्ध हो जायेगा। इस दिशा में जिल प्रशासन द्वारा हर संभव उनकी मदद की जाएगी और प्रयास किया जाएगा कि उन्हें नजदीक में हीं अच्छा से अच्छा बाजार उपलब्ध हो।

महिला

महिलाओं का कार्य सराहनीय: 

वहाँ के आजीविका ग्राम संगठन के महिलाओं द्वारा लगाए जाने वाले महिला चौपाल के कार्यों की चर्चा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिस प्रकार यहां की महिलाएँ चौपाल लगाकर एक-दूसरे का जागरूक करने एवं सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी का प्रचार-प्रसार कर रही हैं, वह वास्तव में सराहनीय है। इससे महिलाएँ जागरूक तो होंगी हीं साथ हीं अपने हक के बारे में भी भली-भाँति जानकारी प्राप्त कर सकेंगी। वर्तमान समय में आवश्यक है कि इनसे सीख लेते हुए अन्य क्षेत्र की महिलाएँ भी इसी प्रकार चैपाल लगाकर कार्य करें। 

 स्वयं सहायता समूह के महिलाओं से मुलाकात: 

इसके बाद उपायुक्त द्वारा कचुआसोली पंचायत के नन्दपुरा गांव का भ्रमण कर वहां के स्वयं सहायता समूह के महिलाओं से उनके स्वरोजगार से संबंधित जानकारी ली गयी एवं कहा गया कि इसे और भी वृहद स्तर पर किया जाय; ताकि उनसे प्राप्त होने वाले आय से लोगों के जीवन स्तर में और भी अधिक सुधार आ सके। इस दौरान उनके द्वारा कहा गया कि जिस प्रकार यहां की महिलाएँ आपस में स्वयं समूह बनाकर सूप, डाली, घर सजाने वाली बांस की वस्तुएँ आदि का निर्माण कर मुनाफा कमा रही हैं, वह वास्तव में बहुत हीं अच्छी बात है। इससे वे आत्म निर्भर हो पा रही है एवं अपने आय से घर परिवार के लिए कुछ बचत भी कर पा रही है। महिलाओं द्वारा इस प्रकार का स्वरोजगार करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि उन्हें काम करने के लिए अपने घर से दूर नहीं जाना पड़ता है और वे अपने हुनर से हीं घर बैठे रोजगार कर पाती है। साथ हीं बच्चों का  लालन-पालन हो जाता है। 

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