दुमका:
राष्ट्रीय फुटबाॅल खिलाड़ी उमेश मुर्मू का इलाज के दौरान वेस्ट बंगाल के वर्द्धमान में मौत हो गई. जैप जवान उमेश मुर्मू फुटबाल के खिलाडी थे और मौत का कारण खेल ही बना।
देवघर जिला के मोहनपुर में 15वीं राजस्तरीय बिभागीय खेल कूद प्रतियोगिता के दौरान फुटबाल खेल में पेट में गंभीर चोट लगने के कारण इलाज के दौरान मौत हो गई । मृतक उमेश जैप-4, जमशेदपुर का बटालियन था। वह मूल रूप से दुमका जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के धौवपहाड़ गांव निवासी था।
जानकारी के अनुसार 15वीं क्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता के तहत आयोजित मैच के दौरान उनके पेट में चोट आयी थी। मैच 11 मई को देवघर जिला के मोहनपुर स्थित जेएमपी कैंप परिसर में जमशेदपुर बटालियन-5 से हो रही थी। जहां बाॅल छीनने के प्रयास में पेट के नीचे अंदरूनी चोट लग गई। गंभीर अवस्था में सदर अस्पताल, देवघर में भर्ती करवाया गया। जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया। बाद में निजी क्लीनिक एवं सदर अस्पताल, दुमका भर्ती करवाया गया। जहां चिकित्सकों ने बाहर रेफर कर दिया। उसके बाद उसे पश्चिम बंगाल के सिउड़ी स्थित अस्पताल में भर्ती करवाया गया। सिउड़ी से वर्द्धमान ले जाने के क्रम में रास्ते में ही दम उमेश मुर्मू ने दम तोड़ दिया।
फूटबाल मैच 5 से 12 मई तक आयोजित हुआ था जिसमे मैच में विजेता टीम राष्ट्र स्तर के प्रतियोगिता में भाग लेती। झारखण्ड पुलिस के राष्ट्रीय खिलाडी उमेश मुर्मू की मौत पर जैप-4 के पुलिस एसोसिएशन सचिव प्रदीप कुमार महतो ने कहा कि बटालियन ने राज्य एवं देश ने एक प्रतिभावान खिलाड़ी खोया है। बहुत कम उम्र में उमेश ने खेल जगत में अपना लोहा मनवाया था। बटालियन की ओर से उमेश दिल्ली, जम्मू-काश्मीर एवं कर्नाटका में राष्ट्रीय स्तर पर बटालियन का नाम रौशन किया था। टीम में बेहतर प्रदर्शन को लेकर कई मेडल भी हासिल किए।
जवान उमेश के निधन से पूरा जिला शोकाकुल हो गया। जवान उमेश अपने पीछे नवविवाहिता पत्नी, मां-पिता छोड़ गया। उमेशी की शादी बीते दो मई को हुई थी। अभी उसकी हाथों की मेंहदी के रंग सुखे भी नहीं थे कि सुहाग उजड़ गया। उमेश खेल कोटे से जुलाई 2015 में जैप-4 जमेशदपुर में बहाली हुआ था। जवान उमेश को शहीद का दर्जा देने की मांग पुलिस एसोसिएशन ने किया। राष्ट्रीय खिलाडी उमेश मुर्मू ने बटालियन की ओर से खेलते हुए उमेश बटालियन का नाम राज्य एवं देश स्तर पर उंचा किया था। जेएमपी बटालियन को उमेश का निधन को अपूर्णीय क्षति के रूप में देखा जा सकता है।