देवघरः
देवघर जिला झारखंड राज्य का सातवां ओडीएफ जिला आॅफिशयली घोषित किया जा चुका है. लेकिन क्या वाकई देवघर जिला ओडीएफ हो चुका है. ये सवाल खड़े हुए हैं देवघर के कई ईलाके के नज़ारे देख.
महज़ कुछ दिन पहले देवघर जिला को पूरी तरह ओडीएफ घोषित किया गया है. इससे कई माह पहले देवघर नगर निगम को ओडीएफ घोषित किया जा चुका था. लेकिन धरातल पर कुछ और ही नज़र आ रहा. महिनों पहले ओडीएफ घोषित हुए देवघर निगम क्षेत्र के वार्ड नम्बर दो के मालेडीह गांव में अभी भी लोग खुले में शौच को जाते हैं.
कहीं शौचालय में रखा है जलावन तो कहीं अधुरा है शौचालयः
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वार्डवासियों को शौचालय निर्माण के लिए विभाग से पैसा तो दे दिया गया, लेकिन शौचालय निर्माण अधुरा ही रहा और पूरा पैसा लाभुकों को दे दिया गया. मालेडीह गांव का दर्जनों शौचालय पूरा नहीं होने के कारण वार्डवासियों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है. कई शौचालय में पैन तक नहीं है तो कई में जलावन की लकड़ी रखी हुई है. यहां तक की कई शौचालय में छत और दरवाजा भी नहीं है.
जांच को पहुंचे डिप्टी मेयर व निगम पदाधिकारीः
मीडिया के जरीये जब मालेडीह गांव में ओडीएफ की हकीकत जग जाहिर होने लगी तो सुधी लेने नगर प्रबंधक सहित कई निगम के पदाधिकारी और डिप्टी मेयर वार्ड नम्बर दो के मालेडीह गांव पहुंचे और शौचालय निर्माण के सत्यता की जांच की गयी.
मामला दुखःद, होगी जांचः डिप्टी मेयर
डिप्टी मेयर नीतू देवी ने बताया कि मालेडीह गांव में शौचालय निर्माण कि स्थिति बहुत खराब है, जो कि बहुत ही दुखःद है. एक तरफ स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के लिए कई कार्यक्रम कर रहे हैं और दूसरी तरफ हमारी मां और बहनें अभी भी खुले में शौच जाती हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में नगर आयुक्त से बोला जाएगा. यह जांच का विषय है. डीप्टी मेयर ने बताया कि सरकार के तरफ से 12,000 रूपये लाभुकों के खाते में दिया गया है. लेकिन राशि का काफी दुरूपयोग हुआ है. सर्वेयर के द्वारा मोनेटरिंग सही ढंग से नहीं की गयी है. जिस कारण शौचालय निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. इसपर जांच बैठाया जाएगा. जो भी दोषी पाए जाऐंगें उसपर कार्रवाही की जाएगी.
सवाल उठना लाज़मीः
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जो जांच आज हो रही वह उस वक्त क्यों नहीं हुई जब निगम को ओडीएफ घोषित करने की तैयारी चल रही थी. क्या उस वक्त आलाधिकारियों या जनप्रतिनिधियों ने उन ईलाकों का जायज़ा लेना जरूरी नहीं समझा, जिसकी बदौलत ही वह इतनी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करने जा रहे थे. देवघर जिले में यह तो मालेडीह गांव की बात सामने आयी जहां शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की गयी है. लेकिन न जाने कितने ऐसे मोहल्ले होंगे जहां ओडीएफ सिर्फ कागज पर दिखा दिया गया हो. जिला प्रशासन और सरकार को इस ओर सुधी लेने की जरूरत है. जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है.